5 साल से लगी प्रतिबंध हटाने मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची थी PFI, मिल गई ये बड़ी राहत
PFI की याचिका पर अब दिल्ली हाईकोर्ट 20 जनवरी 2026 को इस मामले में सुनवाई करेगा और तय करेगा कि क्या पीएफआई पर लगाया गया प्रतिबंध वैध है या नहीं.
PFI की याचिका पर अब दिल्ली हाईकोर्ट 20 जनवरी 2026 को इस मामले में सुनवाई करेगा और तय करेगा कि क्या पीएफआई पर लगाया गया प्रतिबंध वैध है या नहीं.
मद्रास हाई कोर्ट ने ईडी को तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (टैसमैक) भ्रष्टाचार मामले में फिल्म निर्माता आकाश भास्करन के जब्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लौटाने को कहा है.
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस केवल आपराधिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकती है, जबकि जमींदार और किरायेदार के बीच विवाद सिविल नेचर का है.
सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने बताया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो जाएगा और फिर परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को पिछले वर्ष से अब तक के फैसलों का ब्योरा मांगा है जिसमें फैसले सुनाए गए और अपलोड किए गए तारीखों का उल्लेख होना चाहिए.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में बम रखने की धमकी से मेल से भेजी गई थी, जिसे लेकर अदालत की कार्यवाही को रोक दिया गया था.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के एडिशनल जज से रिटायर से हुए जजों को हाई कोर्ट के परमानेंट जजों को मिलनेवाली पेंशन की राशि में अंतर पर विचार कर रही थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से रिटायर जजों को समान पेंशन देने की बात कही.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की खंडपीठ ने उच्च न्यायालयों में मुकदमों की सुनवाई पूरी होने के बाद भी लंबे समय तक फैसला सुरक्षित रखने पर चिंता जताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि जजों के परफॉर्मेंस का भी ऑडिट हो.
कर्नाटक हाई कोर्ट में PhonePe ने सीआरपीसी की धारा 91 के तहत मिले नोटिस को चुनौती दी थी, जो किसी अदालत या पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को किसी दस्तावेज़ या अन्य वस्तु के उत्पादन के लिए सम्मन या लिखित आदेश जारी करने का अधिकार देता है.
कर्नाटक भाषा विवाद को लेकर मुसीबत में फंसे गायक सोनू निगम ने दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी के दरगाह पर वार्षिक उर्स की अनुमति देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.
साथ ही उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एसएसपी को मामले की जांच की सप्ताह में दो बार समीक्षा और हर तिमाही में अदालत को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठा रहा है, तब देश के राज्यों को आपस में ऐसा नहीं करना चाहिए.
हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया, हाई कोर्ट कॉलेजियम, जिसमें मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल हैं, द्वारा प्रस्ताव शुरू किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से बताने को कहा है कि 31 जनवरी, 2025 से पहले जिन मामलों में फैसला सुरक्षित रखा गया था, लेकिन अभी तक फैसला नहीं सुनाया गया है, उन सभी मामलों की रिपोर्ट चार सप्ताह में दे.
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने मीनल खान, जो एक सीआरपीएफ जवान से विवाहित हैं, को लॉंग टर्म वीजा की कमी के चलते अटारी सीमा पर भेज दिया गया था, उन्हें वापस बुला लिया गया है.
इस फैसले में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि कानून को धन या हैसियत के प्रति अंधा होना चाहिए और सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए, लेकिन व्यवहार में अमीर और गरीब के बीच असमानता देखी जाती है.
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पाया कि स्थानीय निवासियों को सुनवाई का अवसर दिए बिना ही ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किए गए थे. साथ ही अदालत ने 15 अप्रैल तक अपने स्वामित्व के दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
बंबई उच्च न्यायालय में हाल ही में एक मामला सामने आया जिसकी सुनवाई के दौरान अदालत का यह अवलोकन है कि देश में शारीरिक संबंध बनाने हेतु रजामंदी की उम्र (Age of Consent), शादी की कानूनी उम्र (Age of Marriage) से कम होनी चाहिए..
न्यायपालिका में न्यायाधीशों की अलग-अलग श्रेणियां हैं; अदालत में नियुक्त किये जाने वाले न्यायाधीश पहले 'अडिश्नल जज' बनते हैं और बाद में वो 'कन्फर्म' किये जाते हैं। एक 'एडिश्नल जज' और 'कन्फर्म्ड जज' में क्या अंतर होता है, जानिए
लेकिन अदालत के जरिए इसकी मंजूरी ली जा सकती है। एक ऐसा ही वाक्या सामने आया है महाराष्ट्र से। जहां मेडिकल बोर्ड की लाख दलीलों के बावजूद अदालत ने महिला को गर्भपात की इजाजत दे दी।
PFI की याचिका पर अब दिल्ली हाईकोर्ट 20 जनवरी 2026 को इस मामले में सुनवाई करेगा और तय करेगा कि क्या पीएफआई पर लगाया गया प्रतिबंध वैध है या नहीं.
मद्रास हाई कोर्ट ने ईडी को तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (टैसमैक) भ्रष्टाचार मामले में फिल्म निर्माता आकाश भास्करन के जब्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लौटाने को कहा है.
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस केवल आपराधिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकती है, जबकि जमींदार और किरायेदार के बीच विवाद सिविल नेचर का है.
सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने बताया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो जाएगा और फिर परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को पिछले वर्ष से अब तक के फैसलों का ब्योरा मांगा है जिसमें फैसले सुनाए गए और अपलोड किए गए तारीखों का उल्लेख होना चाहिए.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में बम रखने की धमकी से मेल से भेजी गई थी, जिसे लेकर अदालत की कार्यवाही को रोक दिया गया था.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के एडिशनल जज से रिटायर से हुए जजों को हाई कोर्ट के परमानेंट जजों को मिलनेवाली पेंशन की राशि में अंतर पर विचार कर रही थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से रिटायर जजों को समान पेंशन देने की बात कही.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की खंडपीठ ने उच्च न्यायालयों में मुकदमों की सुनवाई पूरी होने के बाद भी लंबे समय तक फैसला सुरक्षित रखने पर चिंता जताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि जजों के परफॉर्मेंस का भी ऑडिट हो.
कर्नाटक हाई कोर्ट में PhonePe ने सीआरपीसी की धारा 91 के तहत मिले नोटिस को चुनौती दी थी, जो किसी अदालत या पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को किसी दस्तावेज़ या अन्य वस्तु के उत्पादन के लिए सम्मन या लिखित आदेश जारी करने का अधिकार देता है.
कर्नाटक भाषा विवाद को लेकर मुसीबत में फंसे गायक सोनू निगम ने दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी के दरगाह पर वार्षिक उर्स की अनुमति देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.
साथ ही उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एसएसपी को मामले की जांच की सप्ताह में दो बार समीक्षा और हर तिमाही में अदालत को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठा रहा है, तब देश के राज्यों को आपस में ऐसा नहीं करना चाहिए.
हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया, हाई कोर्ट कॉलेजियम, जिसमें मुख्य न्यायाधीश और दो वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल हैं, द्वारा प्रस्ताव शुरू किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से बताने को कहा है कि 31 जनवरी, 2025 से पहले जिन मामलों में फैसला सुरक्षित रखा गया था, लेकिन अभी तक फैसला नहीं सुनाया गया है, उन सभी मामलों की रिपोर्ट चार सप्ताह में दे.
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने मीनल खान, जो एक सीआरपीएफ जवान से विवाहित हैं, को लॉंग टर्म वीजा की कमी के चलते अटारी सीमा पर भेज दिया गया था, उन्हें वापस बुला लिया गया है.
इस फैसले में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि कानून को धन या हैसियत के प्रति अंधा होना चाहिए और सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए, लेकिन व्यवहार में अमीर और गरीब के बीच असमानता देखी जाती है.
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पाया कि स्थानीय निवासियों को सुनवाई का अवसर दिए बिना ही ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किए गए थे. साथ ही अदालत ने 15 अप्रैल तक अपने स्वामित्व के दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
Divorce Case: पति ने हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत क्रूरता के आधार पर तलाक के लिए याचिका दायर की थी, जबकि पत्नी ने धारा 9 के तहत वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए याचिका दायर की थी. मामले में दोनों पक्षों की बातें तो जान लीजिए...
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि पत्नी से पूछे बिना पति द्वारा फेसबुक पर अंतरंग वीडियो अपलोड करना वैवाहिक संबंधों की पवित्रता का गंभीर उल्लंघन है.
मामले में मृतक, उत्तर पश्चिम रेलवे का स्थायी कर्मचारी था, और उसकी बेटी ने सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया था.
उड़ीसा उच्च न्यायालय ने कहा कि एक सुशिक्षित महिला केवल अपने पूर्व पति से भरण-पोषण पाने के लिए बेरोजगार नहीं रह सकती. अदालत ने भरण-पोषण राशि को ₹8,000 से घटाकर ₹5,000 कर दिया है.
महिला की कथित गिरफ़्तारी में शामिल पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ विभागीय कार्यवाही को रद्द करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिलाओं की गिरफ़्तारी के समय के बारे में सीआरपीसी की धारा 46(4) और बीएनएसएस अधिनियम की धारा 43(5) निर्देशात्मक हैं, अनिवार्य नहीं.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने घरेलू हिंसा के एक मामले में पति के दूर के रिश्तेदारों के खिलाफ कार्यवाही को रद्द कर दिया, इस बात पर जोर देते हुए कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत केवल साझा घर में रहने वाले लोगों को ही प्रतिवादी माना जा सकता है. अदालत ने घरेलू हिंसा के विशिष्ट आरोपों का हवाला देते हुए पति और सास के खिलाफ मामले को बरकरार रखा और 60 दिनों के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दिया.
Maulvi Syed Shah Kazmi vs UP: मौलवी, जिस पर एक मानसिक रूप से असक्षम बच्चे का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने (Illegeal Religion Conversion) का आरोप लगा है, और उसे ना ही ट्रायल कोर्ट से और ना ही इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से जमानत मिली. आइये जानते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पास ये जमानत याचिका पहुंची तो क्या हुआ...
संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर पहली पत्नी की बड़ी बेटी ने पिता, उनके दूसरी पत्नी और दो बेटों मुकदमा दर्ज कराया था. पहली पत्नी की बड़ी बेटी ने ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम व्यक्ति से शादी की है. इस आधार पर पिता ने पहली पत्नी की बेटी को संपत्ति में हिस्सा देने से इंकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की... आइये जानते हैं कि इस मामले में आगे क्या हुआ...
याचिकाकर्ता को जमानत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि लिव-इन-रिलेशन को समाजिक स्वीकृति नहीं मिली है, इसमें अगर कोई भी लड़का या लड़की इस संबंध में संलिप्त होकर अपने दायित्व से बचते हैं.
तलाक मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि पति अपने दो बच्चों को संभाल रहा है और मुकदमे को ट्रांसफर करने से उसकी परेशानियां और बढ़ जाएगी. आइये जानते हैं पूरा मामला...
याचिकाकर्ता (पति) ने लोअर डिविजनल क्लर्क के लिए अप्लाई किया था. सेलेक्ट होने पर वेरिफिकेशन के दौरान उसके खिलाफ आईपीसी सेक्शन 498ए क्रूरता का मामला पाया गया. राज्य सरकार ने दर्ज मुकदमे के आधार पर उसकी नियक्ती कैंसिल कर दी, जिसे व्यक्ति ने राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
तलाक के इस मामले में पत्नी हमेशा अपने पति पर उसके पैरेंट्स से अलग रहने के लिए दबाव बनाती थी और सास-ससुर को परेशान करने के लिए उसने घरेलु हिंसा का मामला भी दर्ज करा दिया था. आइये जानते हैं कि यह मामला फैमिली कोर्ट से होते हुए हाई कोर्ट तक कैसे पहुंचा और अदालत ने पति को तलाक क्यों दिया...
दंपत्ति की शादी साल 2015 में हुई थी. दोनों एक-दूसरे ऑनलाइन एप के जरिए मिले थे. शादी के साल भर बाद ही उसकी पत्नी, बच्चे को लेकर मायके चली गई थी. मामला फैमिली कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट तक पहुंचा. आइये जानते हैं कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पति की तलाक अर्जी मंजूर करते हुए क्या कहा..
पत्नी ने अदालत के सामने दावा किया कि उसने झूठा मुकदमा अपने पति को सुधारने के लिए किया, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने तलाक के खिलाफ उसकी अपील खारिज करते हुए कहा कि पत्नी के झूठे आरोपों से पति और परिवार को मानसिक क्रूरता का सामना करना पड़ा है.
पति ने पत्नी के बिना सहमति के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया और उसके चचेरे भाई को भी भेज दिया था. इसे लेकर पत्नी ने पति के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी, जिसे रद्द करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति की मांग को खारिज करते हुए कहा कि पत्नी का शरीर उसकी खुद की संपत्ति है.
पति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से दो आधार पर तलाक की मांग किया. पहला, उसकी पत्नी स्वतंत्र विचारों वाली है और अपनी मनमर्जी से बाजार एवं अन्य जगहों पर जाती है. दूसरा कि वह लंबे समय से उससे दूर रह रही है. आइये जानते हैं इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला...