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पत्नी का शराब पीना, दोस्तों के साथ पार्टी करने जाना Divorce का कारण नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट

दंपत्ति की शादी साल 2015 में हुई थी. दोनों एक-दूसरे ऑनलाइन एप के जरिए मिले थे. शादी के साल भर बाद ही उसकी पत्नी, बच्चे को लेकर मायके चली गई थी. मामला फैमिली कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट तक पहुंचा. आइये जानते हैं कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पति की तलाक अर्जी मंजूर करते हुए क्या कहा..

Written by Satyam Kumar Updated : January 16, 2025 4:12 PM IST

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पत्नी के शराब पीने की आदत

एक तलाक मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी की शराब पीने की आदत को क्रूरता नहीं माना जा सकता है, जब तक कि वह अपने ससुराल वालों के साथ अभद्र व्यवहार नहीं कर रही हो.

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ऑनलाइन एप से हुई शादी

इस तलाक मामले में दंपत्ति की शादी साल 2015 में हुई थी. दोनों एक-दूसरे ऑनलाइन एप के जरिए मिले थे. शादी के साल भर बाद ही उसकी पत्नी, बच्चे को लेकर मायके चली गई थी.

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पति ने की मांगा तलाक

इसे लेकर पति ने तलाक की मांग की, हालांकि फैमिली कोर्ट ने तलाक देने से इंकार कर दिया है.

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पति का आरोप

इसके बाद पति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में तलाक की मांग को लेकर अर्जी दायर करते हुए कहा कि पत्नी शराब पीती है, उसे बिना-बताए दोस्तों के साथ बाहर जाती है.

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पत्नी का शराब पीना 'क्रूरता' नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी की शराब पीना, पार्टी करने की आदत तलाक देने का आधार नहीं हो सकता,

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पत्नी का शराब पीना

अदालत ने कहा कि पत्नी का शराब पीना पति के साथ क्रूरता नहीं है, जब तक पत्नी का व्यवहार असभ्य न हो.

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फैमिली कोर्ट का फैसला बरकरार

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही पाते हुए कहा कि ऐसा कोई साइंटिफिक रिजन नहीं है, जिससे पता चले कि शराब पीने से बच्चों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव होता हो.

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इस वजह से तलाक को मंजूरी

अदालत ने नोट किया पत्नी ने 2016 से पति को छोड़ दिया था और मुकदमे के दौरान पति के ससुराल की तरफ से कोई भागीदारी नहीं होने के चलते इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी.