
सहानुभूति के आधार पर नौकरी
आम लोगों को पता होगा कि नौकरी के दौरान अगर गार्जियन की मृत्यु हो जाती है तो सहानुभूति या अनुकंपा के आधार पर सरकार उनकी जगह बेटे या बेटी में किसी एक को नौकरी मिल जाती है.

शादीशुदा बेटी को नौकरी पाने का हक
लेकिन क्या यह नियम शादीशुदा बेटी के मामले में लागू होगी? क्या पिता का देहांत होने के बाद उनकी शादीशुदा बेटी (Married Daughter) को सहानुभूति या अनुकंपा पर नौकरी मिल सकती है? आइये जानते हैं कि राजस्थान हाई कोर्ट ने क्या कहा...

पिता रेलवे कर्मचारी
मामले में पिता उत्तर पश्चिम रेलवे के स्थायी कर्मचारी थे, जिनका निधन 24 अगस्त 2019 को हो गया.

घर की एकमात्र सदस्य
रेलवे कर्मचारी के घर की एकमात्र जीवित पुत्री ने कर्मचारी की एकमात्र जीवित सदस्य ने सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए आवेदन किया था,

नौकरी से इंकार
जिसे विभाग ने 8 जनवरी 2020 को अस्वीकृत कर दिया. इस फैसले को चुनौती देते हुए बेटी सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी,

मामला केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) पहुंचा
CAT ने हीना शेख मामले का हवाला देते हुए मामले को संबंधित विभाग को वापस भेज दिया ताकि उसकी योग्यता के आधार पर सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति पर विचार किया जा सके.

विवाहित बेटियों को नौकरी का अधिकार
'हीना शेख बनाम राजस्थान राज्य' मामले में अदालत ने स्पष्ट किया था कि विवाहित बेटियां भी सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति की पात्र होती हैं.

राज्य ने किया विरोध
राज्य ने इस निर्णय के खिलाफ याचिका दायर करते हुए तर्क किया कि विवाहित बेटियों को सहानुभूतिपूर्ण नियुक्तियों के लिए अयोग्य ठहराया जाना चाहिए.

Rajasthan HC

पति कार्यरत
राज्य ने राजस्थान हाई कोर्ट में दावा किया कि बेटी विवाहित है और उसका पति भी काम कर रहा है, इसलिए वह सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए अयोग्य है.

नौकरी देने का आदेश बरकरार
हलांकि, राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के आदेश के खिलाफ चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है,

शादीशुदा बेटी को नौकरी का अधिकार
जिसमें राज्य को एक विवाहित बेटी को सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति देने का निर्देश दिया गया था.

हाई कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट ने CAT के उस निर्णय को स्वीकार किया, जिसमें कहा गया था कि मृतक कर्मचारी की विवाहित बेटी को सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति का अधिकार है.