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चौंकिएगा मत! महिलाओं को रात में गिरफ्तार कर सकती है Police

महिला की कथित गिरफ़्तारी में शामिल पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ विभागीय कार्यवाही को रद्द करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिलाओं की गिरफ़्तारी के समय के बारे में सीआरपीसी की धारा 46(4) और बीएनएसएस अधिनियम की धारा 43(5) निर्देशात्मक हैं, अनिवार्य नहीं.

Written by Satyam Kumar Published : February 12, 2025 7:29 PM IST

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रात में महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं

समाज में एक चर्चित धारणा है कि महिला को रात में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.

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मद्रास हाई कोर्ट

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न्यायपालिका और पुलिस

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका और पुलिस के कार्य एक-दूसरे के पूरक हैं. अदालत ने यह भी कहा कि अगर किसी महिला ने मध्य रात्रि में अपराध किया है, तो उसे गिरफ्तार करने में देरी करना उचित नहीं होगा.

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गिरफ्तार नहीं करने का आदेश 'निर्देशात्मक'

न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि विधायिका इस प्रावधान को अनिवार्य बनाना चाहती, तो वह अनुपालन न करने के परिणामों को स्पष्ट रूप से बताती.

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पुलिस को देना पड़ेगा जबाव

अदालत ने यह भी कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि पुलिस अधिकारी इस प्रावधान का पालन न करने पर गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाए, लेकिन, संबंधित अधिकारी को अपनी असमर्थता को स्पष्ट करना होगा.

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महिला को गिरफ्तार करने पर विभागीय कार्यवाही

अदालत ने पुलिस निरीक्षक, उप-निरीक्षक (Sub-Inspector) और हेड कांस्टेबल द्वारा दायर अपीलों की सुनवाई की, जिन्होंने एक महिला की गिरफ्तारी के लिए विभागीय कार्रवाई के आदेश को चुनौती दी थी.

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पुलिस पर दुर्व्यवहार के आरोप

महिला ने आरोप लगाया कि उसे रात 8 बजे गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया.

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तीन पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई

अदालत ने पुलिस निरीक्षक और हेड कांस्टेबल को राहत देते हुए विभागीय कार्रवाई को बंद कर दिया है, लेकिन सब-इंस्पेक्टर को राहत देने से इंकार कर दिया है.

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सब-इंस्पेक्टर को राहत नहीं!

अदालत ने कहा कि सब इंस्पेक्टर ने मामले के तथ्य को छिपाया है कि उसने महिला को हेड कांस्टेबल के सिर पर वार करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, जबकि रिमांड रिपोर्ट के अनुसार उन्हें दूसरे मामले के लिए गिरफ्तार किया गया है.