'मॉब लिंचिंग के मामले को धार्मिक रंग ना दें', सेलेक्टिव फैक्ट्स रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने दी प्रतिक्रिया
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में मॉब लिंचिंग से जुड़े मामले के दौरान इस घटना को सेलेक्टिव तरीके से पेश करने एवं धार्मिक रंग से बचने के सलाह दिया.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में मॉब लिंचिंग से जुड़े मामले के दौरान इस घटना को सेलेक्टिव तरीके से पेश करने एवं धार्मिक रंग से बचने के सलाह दिया.
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति द्वारा पत्नी, दो बच्चे और साली की हत्या करने को ‘हत्या के दुर्लभ मामलें में से एक’ पाते हुए सेशन कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा को मंजूरी दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के चारों दोषियों को जमानत दी है. जानें विस्तार से...
सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल पुराने मर्डर केस में 15 आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि केवल संशय के आधार पर किसी आरोपी को दोषी नहीं माना जा सकता, जब तक कि उसके दोष को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सबूत न मिले.
UP के बागपत में एक युवक पर लगभग 12 वर्ष पहले एक पुलिसकर्मी की हत्या का आरोप लगा था, जिसके लिए युवक को 2 साल जेल में बिताना पड़ा, लेकिन Bail पर बाहर आने के बाद उसने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए Law की पढ़ाई की और खुद का केस लड़कर अपने आप को बेगुनाह साबित किया.
Murder Case: एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने और LL.B. की पढ़ाई करने के लिए बाबू ने Bail की मांग करते हुए HC का दरवाजा खटखटाया था.
कोर्ट ने पाया कि आरोपी ने पैसों के लिए पीड़ित का अपहरण किया था. पहचान उजागर होने की डर से उसे को जान से मार दिया गया था.
परिस्थितिजन्य साक्ष्य को अप्रत्यक्ष साक्ष्य के रूप में भी जाना जाता है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के पीछे हमेशा एक मिथक होता है कि यह किसी को उसके कार्य के लिए दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त रूप से स्पष्ट है क्योंकि साक्ष्य प्रत्यक्ष साक्ष्य के बजाय परिस्थितियों पर आधारित होता है।
किसी भी मामले में जब कोई ठोस सबूत या गवाह का मिलना मुश्किल हो जाता है तब न्यायालय परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर निर्भर होती है और उसी के आधार पर कोर्ट अपना फैसला सुनाता है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य' में सभी प्रासंगिक तथ्य (Relevant Facts) शामिल होते हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार पीड़ित के पिता विकास वाकर ने आगे गवाही दी कि हत्या के बाद पूनावाला ने पीड़िता के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और अधिकारियों और जनता को पता न चले, इसलिए शरीर के हिस्सों को दिल्ली भर में विभिन्न उजाड़ जगहों पर फेंक दिया।
पेशे से स्कूल शिक्षक संदीप को पुलिस इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर गई थी लेकिन उसने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया और फिर डॉक्टर की कैंची से हमला कर हत्या कर दी थी।
पुलिस उपायुक्त (नगर) दीपक भूकर ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अभियुक्त विजय मिश्रा को धूमनगंज थाना की पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया।
पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के भाई विवेकानंद रेड्डी के मर्डर केस में उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई से चार्जशीट दाखिल करने को कहा है और आरोपी, वाई एस अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
2021 में झारखंड के जस्टिस उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मर्डर केस में अब झारखंड उच्च न्यायालय में एक नया अपडेट सामने आया है. अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है...
हालांकि अदालत ने कन्हैयालाल की हत्या के बाद की तस्वीरों के साथ उसकी दुकान की रंगीन तस्वीरें माँगने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
अगस्त 2003 की रात को याची के पिता व उसके अन्य परिजन छत पर सो रहे थे, इस दौरान हत्या को अंजाम दिया गया
हत्या के इरादे से दोषियों ने दोनो भाईयों को दफ्तर बुला खेला मौत का खेल
पूर्व विधायक सतेंद्र और उसके भाई हरेंद्र सोलंकी को मई 2019 में दोषी पाते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनाई थी सजा
Murder Case: एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने और LL.B. की पढ़ाई करने के लिए बाबू ने Bail की मांग करते हुए HC का दरवाजा खटखटाया था.
कोर्ट ने पाया कि आरोपी ने पैसों के लिए पीड़ित का अपहरण किया था. पहचान उजागर होने की डर से उसे को जान से मार दिया गया था.
किसी भी मामले में जब कोई ठोस सबूत या गवाह का मिलना मुश्किल हो जाता है तब न्यायालय परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर निर्भर होती है और उसी के आधार पर कोर्ट अपना फैसला सुनाता है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य' में सभी प्रासंगिक तथ्य (Relevant Facts) शामिल होते हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार पीड़ित के पिता विकास वाकर ने आगे गवाही दी कि हत्या के बाद पूनावाला ने पीड़िता के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और अधिकारियों और जनता को पता न चले, इसलिए शरीर के हिस्सों को दिल्ली भर में विभिन्न उजाड़ जगहों पर फेंक दिया।
पेशे से स्कूल शिक्षक संदीप को पुलिस इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर गई थी लेकिन उसने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया और फिर डॉक्टर की कैंची से हमला कर हत्या कर दी थी।
पुलिस उपायुक्त (नगर) दीपक भूकर ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अभियुक्त विजय मिश्रा को धूमनगंज थाना की पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया।
पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के भाई विवेकानंद रेड्डी के मर्डर केस में उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई से चार्जशीट दाखिल करने को कहा है और आरोपी, वाई एस अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
2021 में झारखंड के जस्टिस उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मर्डर केस में अब झारखंड उच्च न्यायालय में एक नया अपडेट सामने आया है. अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है...
हालांकि अदालत ने कन्हैयालाल की हत्या के बाद की तस्वीरों के साथ उसकी दुकान की रंगीन तस्वीरें माँगने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
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ACJM विपिन यादव की कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 आरोपी कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि एंबुलेंस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई को तय की है.
गैंगस्टर जीवा की 26 वर्षीय विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जो वकील के भेष में अदालत में दाखिल हुआ था.
इस मामले में संलिप्त एक अन्य आरोपी की उम्र उस वक्त 17 वर्ष थी और उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाया गया था.
उच्चतम न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने मामले को तीन जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
अदालत में पेश किये गए आरोपियों के नाम हैं येर्रा गंगी रेड्डी, सुनील यादव, उमाशंकर रेड्डी, देवीरेड्डी शिवशंकर रेड्डी, वाईएस भास्कर रेड्डी और उदय कुमार रेड्डी, जो वर्तमान में हैदराबाद की चंचलगुडा सेंट्रल जेल में बंद हैं.
पुलिस रिकॉर्ड की मानें तो राजू झा लम्बे समय से अवैध कोयला कारोबार में शामिल हो चुके थे. इसमें कहा गया है कि साल 2004 से 2011 तक झा ने अवैध कारोबार से पैसा कमाया और उसे होटल और बस सेवा व्यवसायों में उस पैसे को लगाया.
शख्स ने अपनी पत्नी, साली और दस साल से कम उम्र वाले तीन बच्चों की कुल्हाड़ी से की हत्या! क्या थी वजह और अदालत ने सुनाई क्या सजा, जानें
न्यायमूर्ति मंथा की पीठ को हाल ही में राज्य पुलिस के खिलाफ एसआईटी के साथ सहयोग नहीं करने की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद जस्टिस मंथा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए गुरुवार को गृह विभाग से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी.