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न्याय करना व लोगों के मन में विश्वास बनाए रखना जरुरी, कहकर डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी

कलकत्ता हाईकोर्ट

Calcutta Doctor Rape Murder Case: Calcutta High Court ने पुलिस जांच से असंतुष्टि जताते हुए डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले की जांच CBI को सौंप दी है. कोर्ट ने कहा कि Governmemt Hospital में हुई घटना के निष्पक्ष जांच व लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है.

Written by Satyam Kumar |Updated : August 14, 2024 6:01 AM IST

Trainee Doctor Rape Murder Case: 13 अगस्त को हुई सुनवाई में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस जांच से असंतुष्टि जताते हुए डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. कोर्ट ने कहा कि सरकारी अस्पताल में हुई घटना के निष्पक्ष जांच व लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है. सुनवाई के दौरान ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने कॉलेज प्रिंसिपल के इस्तीफे के बाद उनके तबादले पर भी सवाल उठाए. अदालत ने प्रिंसिपल सुदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने को कहा है.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने CBI को जांच क्यों सौंपी?

कलकत्ता हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य ने पुलिस जांच से नाराजगी जाहिर करते हुए मामले को सीबीआई को सौंप दी है. अदालत ने प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या की जांच सीबीआई को सौंपते हुए कहा कि घटनास्थल एक सरकारी अस्पताल है, पीड़ित एक डॉक्टर है, हमें लगता है न्याय करने लोगों के मन में विश्वास बनाए रखने के लिए घटना की सीबीआई जांच आवश्यक है.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस जांच से चिंता जताई, 

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9 अगस्त, 2024 को या उसके बाद, प्रथम दृष्टया कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि आज तक राज्य पुलिस ने किसी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है, जो कथित रूप से अपराध के लिए जिम्मेदार हो.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आगे कहा कि जिस जगह अपराध हुआ, वह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह एक सरकारी अस्पताल है. पीड़ित उसी अस्पताल में डॉक्टर के तौर पर कार्यरत थी. इन बातों को ध्यान में रखते हुए, हम यह कह सकते हैं कि प्रशासन पीड़ित या पीड़ित के परिवार के साथ नहीं था.

अदालत ने आगे कहा,

किसी जांच को पुलिस से किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को ट्रांसफर करना पक्षों के बीच न्याय करना और जनता के मन में विश्वास पैदा करना है. हम जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रांसफर करना उचित समझते हैं."

अदालत ने लोगों का विश्वास सरकारी संस्थाओं के प्रति बना रहे, इसलिए भी इस मामले की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है. सुनवाई के दौरान ही अदालत ने प्रिंसिपल के इस्तीफा देने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ट्रांसफर पर सवाल उठाया. बता दें कि घटना के बारह घंटे के अंदर ही आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुदीप घोष का ट्रांसफर कलकत्ता नेशनल मेडिकल व हॉस्पीटल में कर दिया जाता है.

अदालत ने कहा, 

यह समझना कठिन है कि जब कोई व्यक्ति अपना इस्तीफा देता है तो राज्य का संबंधित दो विकल्पों का प्रयोग क्यों नहीं करता, अर्थात् त्यागपत्र स्वीकार करना या त्यागपत्र स्वीकार करने से इंकार करना.

अदालत ने डॉ. सुदीप घोष के लिए निर्देश जारी किया कि वे  तत्काल छुट्टी पर चले जाएंं, अन्यथा अदालत को आवश्यक आदेश पारित करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. 

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सवाल उठाया,

जब मृतक एक डॉक्टर थी, तो यह आश्चर्यजनक है कि प्रिंसिपल/अस्पताल ने औपचारिक शिकायत क्यों दर्ज नहीं कराई? हमारे विचार से, यह एक गंभीर चूक है, जिससे संदेह की गुंजाइश पैदा होती है.

सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों समेत आम जनता को यह भरोसा होना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं और सच्चाई को पता लगाने को लेकर घटना की जांच सही तरीके से चल रही है. जनता के विश्वास व भरोसे के लिए यह जरूरी है कि दोषियों को उनके कार्यों के लिए सजा दी जाए.

पुलिस जांच में सीबीआई को सहयोग करें: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे केस डायरी को सीबीआई के अधिकारी को सौंप दे, जो कोर्ट में मौजूद है और उक्त अधिकारी द्वारा राज्य पुलिस के अधिकारी को तत्काल एक पावती दी जाएगी. मामले से संबंधित अन्य रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, बयान, यदि कोई हो और सभी सामग्री और मामले कल सुबह 10:00 बजे तक सीबीआई को सौंप दिए जाने चाहिए. सीसीटीवी फुटेज, जो कब्जे में लिए, बताए गए हैं, उन्हें ऐसे ही सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए. इसके अलावा, मामले से संबंधित कोई भी अन्य जानकारी, जिसे सीबीआई द्वारा मांगा जा सकता है, राज्य पुलिस/एसआईटी द्वारा प्रदान की जाएगी.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आगे निर्देश दिया, अस्पताल के अधीक्षक को अस्पताल में उपलब्ध बुनियादी ढांचे और अन्य सुविधाओं के संबंध में भी एक रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. साथ ही डॉक्टरों/मेडिकल छात्रों को भी अपने सुझाव दाखिल करने की अनुमति है. रिपोर्ट और सुझावों को रिकॉर्ड में दर्ज किए जाने के बाद, न्यायालय जांच करेगा और विचार करेगा कि क्या उचित निर्देश जारी किए जाने चाहिए.

कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर की घटना क्या है?

9 अगस्त, 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर, जो ड्यूटी पर थी, अस्पताल परिसर के अंदर कथित तौर पर अर्धनग्न हालत में मृत पाई गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता के गुप्तांग सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर चोटें थीं और परिवार के सदस्यों तथा अन्य व्यक्तियों का दृढ़ विश्वास है कि बलात्कार और हत्या को कई अपराधियों ने अंजाम दिया.

अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.