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पत्नी, दो बच्चे और साली की हत्या के आरोपी को मिलेगी मौत की सजा, Punjab and Haryana HC ने फैसले को दी मंजूरी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति द्वारा पत्नी, दो बच्चे और साली की हत्या करने को ‘हत्या के दुर्लभ मामलें में से एक’ पाते हुए सेशन कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा को मंजूरी दी है.

Written by My Lord Team |Published : March 7, 2024 11:31 AM IST

Death Sentence: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले में आरोपी को मौत की सजा को मंंजूरी दी है. आरोपी ने अपनी पत्नी, दो बच्चों सहित साली की बेरहमी से हत्या कर दी. सेशन कोर्ट (Session Court) ने आरोपी कुमार को दोषी पाते मौत की सजा सुनाई. सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट से मंजूरी की मांग की. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab And Haryana High Court) ने 'हत्या के दुर्लभतम मामलों में से एक' पाते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा है. यह केस पंजाब राज्य और बलजिंदर कुमार उर्फ काला के बीच है.[State of Punjab vs Baljinder Kumar @ Kala]

राहत देने वाली परिस्थिति नहीं: HC 

एक्टिंग चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी ने सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. डिवीजन बेंच ने इस मामले को हत्या के दुर्लभ मामलों में से एक बताया है. 

बेंच ने कहा, 

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“वर्तमान मामले में, अपीलकर्ता ने अपनी पत्नी, जिसकी यह दूसरी शादी थी और बच्चों की हत्या की. ये कृत्य किसी संदेह के अभाव में और जिस क्रूरता से उसने अपने बच्चों को मौत के घाट उतार दिया, जाहिर तौर पर कोई राहत देने वाली परिस्थिति नहीं है.”

क्या है मामला? 

घटना 29 नवंबर, 2013 की है. कुमार नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी (सीमा रानी), दो बच्चे (सुमन कुमारी और हर्ष कुमार) और साली (रीना रानी) की बेरहमी से हत्या कर दिया. इस  दौरान अन्य दो लोग घायल भी हुए. 

खूनी वारदात को अंजाम देने से पहले कुमार अपनी सास से मिलने गया था. उनसे पैसे को लेकर बहस हुई. बहस के दौरान कुमार ने अपनी पत्नी और बच्चे को जान से मारने की धमकी दी. 

पैसे को लेकर उपजा विवाद

कुमार की एक बहन है, रेखा रानी. रेखा रानी का उनके पति से तलाक हुआ. पति को 35,000 रूपये कुमार की बहन को देने थे. पति ने पैसे नहीं दिए. कुमार की सास ने उसकी बहन की शादी की कराई थी. रिश्ता सफल नहीं रहा. वहीं, तलाक के पैसे दिलवाने की गारंटर भी कुमार की सास ही बनी. 

Session Court ने HC से मांगी सहमति

फरवरी, 2020 में सेशन कोर्ट कपूरथला ने कुमार को दोषी पाया. मौत की सजा सुनाई. इस सजा की पुष्टि के लिए High Court की इजाजत मांगी. High Court ने मौजूदा तथ्यों और सुधार बिंदुओं पर विचार कर सेशन कोर्ट के फैसले को मंजूरी दिया. HC ने  CrPC के सेक्शन 368 के तहत सेशन कोर्ट के फैसले को इजाजत दी. 

CrPC की धारा 368 में क्या है? 

CrPC की धारा 368 के तहत प्रस्तुत किसी भी मामले में High Court, अभियुक्त को अपराध के लिए दोषी ठहरा सकता है, जिसके लिए सत्र न्यायालय ने उसे दोषी ठहराया हो, या उसी पर एक नया मुकदमा चलाने या संशोधित आरोप का आदेश दे सकता है.