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Soumya Vishwanathan Murder Case: दोषियों को जमानत देने पर Supreme Court ने दिल्ली सरकार को जारी किया नोटिस, चार हफ्ते में मांगा जवाब

सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने मृतक की मां द्वारा आपत्ति जताने के बाद चारों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के फैसले पर नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते के भीतर जवाब की मांग की है.

Written by My Lord Team |Published : April 23, 2024 9:42 AM IST

Soumya Vishwanathan Murder Case:  सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई की. सर्वोच्च न्यायालय ने दोषियों को रिहा करने पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस में आरोपियों को रिहा करने के फैसले पर दिल्ली सरकार से जवाब की मांग की है. जवाब देने के लिए सरकार को चार हफ्ते का समय भी दिया है. दोषियों को जमानत पर रिहा करने के फैसले पर मृतक की मां ने आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि चारों दोषियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने ये कहते हुए जमानत दी कि चारों आरोपी पहले ही 14 साल 9 महीने की सजा काट चुके हैं. चारों दोषियों को सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में साकेत कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले में चार हफ्ते में जवाब देने की मांग की है.

बेंच ने कहा,

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"अपील पर निर्णय होने दीजिए. यह केवल अंतरिम है."

क्या है मामला?

30 सितंबर, 2008 के दिन सौम्या विश्वनाथन( Saumya Vishwanathan) अपने ऑफिस से लौट रही थी. पेशे से पत्रकार, 25 वर्षीय सौम्या अपनी कार से घर लौट रही थी. इस क्रम में दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग के पास उसकी गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. पुलिस आई, मुकदमा दर्ज हुआ, जांच के दौरान पुलिस ने इस घटना को लूटपाट के इरादे से हत्या का कृत्य पाया.

अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

पुलिस ने 5 लोगों को आरोपी बनाया. दिल्ली के साकेत कोर्ट में इस केस की सुनवाई हुई. अदालत ने पांचों को दोषी ठहराया. इनमें से चार आरोपी रवि कपूर, बलजीत सिंह मलिक, अजय कुमार और अमित शुक्ला को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के प्रावधानों के तहत दोषी पाया. कोर्ट ने इन चारों को उम्रकैद और पांचवे आरोपी अजय सेठी को तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.