Kolkata Doctor Rape-Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्जर की घटना पर सुनवाई करते हुए बंगाल सरकार को हिदायत दी हैं कि वे राज्य में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे मेडिकल प्रोफेशनल्स, डॉक्टर्स के खिलाफ सख्ती का प्रयोग ना करें. सरकार डॉक्टर की हत्या के बाद कर रहे प्रदर्शन को रोकने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने दें. साथ ही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नेशनल टास्क फोर्स गठित किया है, जो देश भर में अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा पहलुओं को मजबूत करेगी. अब सुप्रीम कोर्ट 22 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की. इस पीठ में जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल रहें. आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का पूरा फोकस सुरक्षात्मक पहलुओं पर रहा. शीर्ष न्यायालय ने डॉक्टरों व मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा को लेकर अपने रूख स्पष्ट कर दिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"संविधान प्रदत समानता का अर्थ क्या है? अगर महिलाएं अपने वर्कप्लेस पर सुरक्षित नहीं रह सकती"
अदालत ने सबसे पहले 15 अगस्त की रात आरजी कर हॉस्पीटल में हुई तोड़-फोड़ को लेकर चिंता जाहिर की. सीजेआई ने बंगाल सरकार के प्रति सख्ती दिखाते हुए कहा कि
"घटना के वक्त कलकत्ता पुलिस क्या कर रही थी?"
पुलिस का काम घटनास्थल को सुरक्षित रखना था, अस्पताल परिसर 7000 लोग कैसे घुस आएं. पुलिस को भनक तक नहीं लगी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे भारी कमी करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिस पर पश्चिम बंगाल राज्य की ओर पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में अब कर 50 एफआईआर दर्ज हुई है और करीब 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के अंत में भी बंगाल सरकार को हिदायत दी कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ शक्ति का प्रयोग ना करें. सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई में सीबीआई को जांच स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. अब सुप्रीम कोर्ट 22 अगस्त, गुरूवार को इस मामले की सुनवाई करेगी.