आज ही के दिन बना हमारा Supreme Court
भारतीय सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 28 जनवरी, 1950 के दिन हुई थी, उस समय हरिलाल जे कानिया देश के पहले CJI बनाए गए. वहीं, स्थापना के समय सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या मात्र 11 थी, जो आज बढ़कर 34 हो गई है.
भारतीय सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 28 जनवरी, 1950 के दिन हुई थी, उस समय हरिलाल जे कानिया देश के पहले CJI बनाए गए. वहीं, स्थापना के समय सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या मात्र 11 थी, जो आज बढ़कर 34 हो गई है.
चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने सोमवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के संविधानों को अंतिम रूप देने से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
संविधान के अनुच्छेद 124 और 217 के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा 'सिद्ध दुराचार' या 'अक्षमता' के आधार पर हटाया जा सकता है. न्यायाधीशों की हटाने की प्रक्रिया 1968 के न्यायाधीश (जांच) अधिनियम में विस्तृत रूप से वर्णित है.
संविधान की धारा 67 बी के अनुसार,उपराष्ट्रपति को परिषद के सदस्यों के बहुमत संख्या से हटाया जा सकता है, जिसे लोक सभा द्वारा सहमति दी जानी चाहिए. इसके लिए उपराष्ट्रपति को प्रस्तावित हटाने के लिए कम से कम चौदह दिनों का पूर्व नोटिस देना आवश्यक है.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 34 में मार्शल लॉ का जिक्र आता है, जिसका उद्देश्य सैन्य कार्यों में किसी प्रकार के अवरोध को रोकना है. हमारे देश में राष्ट्रपति और राज्यपाल मार्शल लॉ के आदेश दे सकते हैं.
सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान की प्रस्तावना में समानता, बंधुत्व और न्याय के सिद्धांत शामिल हैं. राज्य लोगों को अपने चुने हुए धर्मों का स्वतंत्र रूप से पालन करने की अनुमति देती है. समाजवाद के संबंध में, न्यायालय ने कहा कि इसे कल्याणकारी राज्य और समान अवसरों के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करना चाहिए.
संविधान के आर्टिकल 9 के अनुसार, किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा.
संविधान के आर्टिकल 9 के अनुसार विदेशी नागरिकता लेने वाले व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता से वंचित किया जाएगा. राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केन्द्र को जबाव देने को कहा है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि संविधान, हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की सुदृढ़ आधारशिला है, हमारा संविधान, हमारे सामूहिक और व्यक्तिगत स्वाभिमान को सुनिश्चित करता है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया, जिसके बाद राष्ट्रपति के अभिवादन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया.
भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और भू-राजनीतिक नेता के रूप में उभरा है. उन्होंने संविधान को परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण बताया और इसे जीवन जीने के तरीके के रूप में प्रस्तुत किया. संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, जो 1949 में संविधान को अंगीकार करने की याद में है.
सबसे जटिल विविधताओं वाली आबादी के लिए बेहतर व्यवस्था प्रदान करने वाला संविधान आज 75 वर्ष का हो चुका है. देश के लोगों ने 26 जनवरी 1949 के दिन खुद को यह संविधान दिया था, आइये जानतें हैं कि विश्व सबसे बड़े संविधान को कितने देशों के नियम-कानून को मिलाकर बनाया गया है, आइये जानते हैं....
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रुपये का एक विशेष सिक्का जारी किया. इस दौरान एक डाक टिकट भी जारी किया गया. यह डाक टिकट संविधान की उन मूल भावनाओं का प्रतीक है जो भारत को एकजुट करती है और हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है.
भारतीय संविधान भाषा, धर्म और लिंग आदि के आधार पर किसी तरह के भेदभाव पर रोक लगाता है. संविधान ने समय-समय पर महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा व उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए संसद को कानून बनाने की शक्ति दी है. आइये जानते हैं कि वे कौन-कौन से कानून हैं...
26 नवंबर, संविधान सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉ. हरिसिंह गौर का भी जन्मदिवस है. इसे शुरू करने का उद्देश्य बाबा साहेब की 125वीं जयंती को मनाना व उन्हें श्रद्धांजलि देना था.
26 नवंबर, को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ आयोजित की जा रही है. संविधान दिवस का यह कार्यक्रम संविधान सदन (पुराने संसद भवन) के सेंट्रल हॉल में होगा.
आर्टिकल 19 के तहत मिले अधिकार देश के नागरिकों तक सीमित होते हैं, यानि कि ये मौलिक अधिकार विदेशी लोगो को नहीं दिए जाएंगे, जब तक कि उनके पास भारत की नागरिकता ना हो. आर्टिकल 19(1) (a)वाक् और अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा है,
संविधान की प्रस्तावना से सेकुलरिज्म और सोशलिज्म हटाने की मांग याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सोमवार को सुनाएगा.
चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने सोमवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के संविधानों को अंतिम रूप देने से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
संविधान की धारा 67 बी के अनुसार,उपराष्ट्रपति को परिषद के सदस्यों के बहुमत संख्या से हटाया जा सकता है, जिसे लोक सभा द्वारा सहमति दी जानी चाहिए. इसके लिए उपराष्ट्रपति को प्रस्तावित हटाने के लिए कम से कम चौदह दिनों का पूर्व नोटिस देना आवश्यक है.
संविधान के आर्टिकल 9 के अनुसार, किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा.
भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और भू-राजनीतिक नेता के रूप में उभरा है. उन्होंने संविधान को परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण बताया और इसे जीवन जीने के तरीके के रूप में प्रस्तुत किया. संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, जो 1949 में संविधान को अंगीकार करने की याद में है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रुपये का एक विशेष सिक्का जारी किया. इस दौरान एक डाक टिकट भी जारी किया गया. यह डाक टिकट संविधान की उन मूल भावनाओं का प्रतीक है जो भारत को एकजुट करती है और हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है.
26 नवंबर, को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ आयोजित की जा रही है. संविधान दिवस का यह कार्यक्रम संविधान सदन (पुराने संसद भवन) के सेंट्रल हॉल में होगा.
संविधान की प्रस्तावना से सेकुलरिज्म और सोशलिज्म हटाने की मांग याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सोमवार को सुनाएगा.
केरल हाईकोर्ट ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारिज करते हुए मंत्री साजी चेरियन के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. केरल के मत्स्य मंत्री पर संविधान का अपमान करने के कथित आरोप लगे हैं.
विधायी कानून, वैसे कानून को कहा जाता है जो विधानसभा या संसद के पारित किए जाते हैं. मदरसा एक्ट, 2004 यूपी विधानसभा से पारित किया गया था, जो मदरसा शिक्षा को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया था.
Secularism और Socialist को संविधान की प्रस्तावना से हटाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवाद' संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा रहे हैं.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 बलात्कार के अपराध की व्याख्या करती है. साथ ही बीएनएस की धारा 63 किन परिस्थितियों में किसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा की पुष्टि करती है.
प्रधानमंत्री ने भी अपने रैलियों में जमकर इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, कि संविधान को पूरी तरह बदलना संभव नहीं है. कांग्रेस ने भी 'संविधान बचाओ' पहल को चला रही है. तो आइये पहले संविधान में संशोधन के नियम समझ लेते हैं.
क्या आपकी निजी संपत्ति को लेकर सरकार दूसरों को दे सकती है. क्या निजी संपत्ति को संविधान के 39(बी) के तहत 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' का अंग माना जा सकता है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.
उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार द्वारा लगाए गए हुक्का बैन के प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए कहा कि हुक्का पीना भी कम हानिकारक नहीं है. विश्व भर में सरकारें सिगरेट को नियंत्रित करती हैं, वहीं हुक्का को लेकर ऐसी कोई बात नहीं है.
महात्मा गांधी ने कहा था, अपराध से घृणा करों, अपराधी से नहीं. भारतीय न्यायिक प्रणाली भी इसी बात से सहमत हैं. संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए जीवन की सुरक्षा और व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करती है. जेल में रहने के दौरान कैदियों के पास कुछ अधिकार भी है. आइये जानते हैं कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति के क्या अधिकार हैं....
कुछ लोगों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल जेल में रहकर सरकार चला सकते हैं, तो कुछ लोगों पूछ रहे हैं कि केजरीवाल जेल में रहकर कैसे सरकार चला सकते हैं. आइये जानते हैं कि संविधान क्या कहता है, क्या नियम-कानून हैं?
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के प्रियंबल से सोशलिस्ट और सेकुलर शब्द हटाने को लेकर रिट याचिका दायर की है.
कोर्ट ने कहा कि हिंदुओं को भी अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने और अभ्यास करने और अपने अभ्यास के तरीके में हस्तक्षेप किए बिना अपने धर्म का प्रचार करने का मौलिक अधिकार है.
सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान की प्रस्तावना में समानता, बंधुत्व और न्याय के सिद्धांत शामिल हैं. राज्य लोगों को अपने चुने हुए धर्मों का स्वतंत्र रूप से पालन करने की अनुमति देती है. समाजवाद के संबंध में, न्यायालय ने कहा कि इसे कल्याणकारी राज्य और समान अवसरों के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करना चाहिए.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया, जिसके बाद राष्ट्रपति के अभिवादन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया.
भारतीय संविधान भाषा, धर्म और लिंग आदि के आधार पर किसी तरह के भेदभाव पर रोक लगाता है. संविधान ने समय-समय पर महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा व उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए संसद को कानून बनाने की शक्ति दी है. आइये जानते हैं कि वे कौन-कौन से कानून हैं...
26 नवंबर, संविधान सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉ. हरिसिंह गौर का भी जन्मदिवस है. इसे शुरू करने का उद्देश्य बाबा साहेब की 125वीं जयंती को मनाना व उन्हें श्रद्धांजलि देना था.
संविधान का आर्टिकल 39ए नागरिकों को समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता देने के बारे में बताता है. यह अनुच्छेद राज्य को यह सुनिश्चित करने को देश के सभी नागरिकों न्याय पाने के लिए समान अवसर मिले, साथ ही राज्य उन योजनाओं लागू करें, जिससे लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता मिले.
शराबबंदी के उद्देश्य को लेकर पटना हाईकोर्ट ने आर्टिकल 47 का जिक्र किया, जो कि संविधान के चौथे भाग 'राज्य के नीति निदेशक तत्व' में आता है. इस आर्टिकल में मिले निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार को नशीली पेय और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दवाइयों को बैन करने का अधिकार है.