Delhi CM Arrested: गुरूवार (21 मार्च 2024) के दिन, अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया. दिल्ली के सीएम पर शराब नीति में अनियमितताएं और पैसों की हेराफेरी के आरोप लगे हैं. इस गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, सुनवाई होना बाकी हैं. ऐसे में सरकार चलाने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछ लोगों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल जेल में रहकर सरकार चला सकते हैं, तो कुछ लोग पूछ रहे हैं कि केजरीवाल जेल में रहकर सरकार कैसे चला सकते हैं. आइये जानते हैं कि संविधान क्या कहता है, क्या नियम-कानून हैं?
संविधान प्रदत शक्तियों के अनुसार सिविल मामलों में मुख्यमंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता हैं. वहीं, अपराधिक मामले में मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है. अरविंद केजरीवाल पर PMLA के तहत मामला दर्ज हुआ है, जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर (सीपीसी) के अनुसार, अपराधिक मामलों में मुख्यमंत्री को विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद ही गिरफ्तार किया जा सकता है. वहीं, सिविल मामलों में हिरासत और गिरफ्तारी में छूट दी गई हैं.
दिल्ली के सीएम अपराधिक मामले में गिरफ्तार हुए हैं. और दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं, केन्द्र शासित प्रदेश है. ऐसे में अगर जेल जाने की स्थिति में मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं, तो राज्यपाल के अनुरोध पर, राष्ट्रपति राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं.
राज्य जेल नियम के अनुसार, जेल में रहकर लगातार बैठक करना, मंत्रियों और अधिकारियों से मिलना मुश्किल हैं, जो किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री की आम दिनचर्या होती है. जेल नियमावली में जेल से सरकार चलाने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में यह अदालत पर निर्भर करेगा कि वे जेल में रहकर सरकार चलाने की इजाजत देगें या नहीं.
हालांकि, यह अरविंद केजरीवाल पर निर्भर करता है कि वे इस्तीफा देना चाहतें हैं या नहीं. अगर वे चाहें तो दोष साबित होने तक अपने पद पर बने रह सकते हैं. वहीं, न्यायिक हिरासत में जाने के बाद मुख्यमंत्री के दायित्व का निर्वहन करने में मुश्किलें हो सकती है.