हाल ही में कांग्रेस नेता व संसद प्रतिपक्ष राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को लेकर सवाल उठ रहे है. राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ताओं ने ब्रिटिश सरकार की ओर से राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर जारी बयान के आधार पर ये दावा किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार सरकार से इस मामले पर अपना रूख स्पष्ट करने के निर्देश देते हुए 19 दिसंबर तक जवाब देने को कहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत में दोहरी नागरिकता को लेकर क्या कानून हैं? भारतीय संविधान में 'नागरिकता' को लेकर क्या प्रावधान हैं. आइये जानते हैं...
अभिनेता अक्षय कुमार ने कोविड के समय में कनाडा की नागरिक बन गए थे. बाद में जब नेटीजन्स सोशल मीडिया पर उन्हें इसे लेकर शोर करने लगे, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि वह भारत के नागरिक है और उन्होंने कनाडा की नागरिकता को त्याग दिया है. अब वे दिल और दिमाग से भी भारतीय है.
ऐसे में राहुल गांधी को भी एक जगह की अपनी नागरिकता छोड़नी पड़ सकती है.
संविधान के आर्टिकल 5 लोगों के नागरिकता होने के प्रविधानों का जिक्र करता है, जिसके अनुसार संविधान की शुरूआत से भारत में निवास करने वाला हर व्यक्ति नागरिकता का हकदार होगा.
भारतीय कानून दोहरी नागरिकता को वैध नहीं मानती हैं. वहीं,संविधान के आर्टिकल 9 के अनुसार, किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा. वहीं भारत की नागरिकता का दावा करने वाले व्यक्ति विदेशी नागरिकता लेने पर नागरिकता खो देंगे. यह नियम उन व्यक्तियों पर लागू होता है जिन्होंने स्वेच्छा से विदेशी नागरिकता ग्रहण की है. भारत का संविधान नागरिकता के अधिकारों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है. स्वैच्छिक विदेशी नागरिकता प्राप्त करने के मामले में भारत की नागरिकता समाप्त हो जाती है.
ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि केन्द्र सरकार राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट को क्या बताती है, केन्द्र सरकार को ये जवाब 19 दिसंबर से पहले देनी हैं,