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बीएनएस 2023 की धारा 63: बलात्कार की परिभाषा, जानें किन परिस्थितियों में शारीरिक संबंध बनाना होगा 'रेप'

भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 बलात्कार के अपराध की व्याख्या करती है. साथ ही बीएनएस की धारा 63 किन परिस्थितियों में किसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा की पुष्टि करती है.

Written by Satyam Kumar |Updated : August 2, 2024 7:46 PM IST

Bhartiya Nyay Sanhita (BNS) 2023: देश भर में 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 लागू हो चुकी है. भारतीय न्याय संहिता में नए प्रावधान भी हैं, कुछ पुराने नियमों को भी बरकरार रखा गया है. कानून के उद्देश्य में बदलाव है. कानून की प्रवृति को 'दंडात्मक' की जगह 'सुधारात्मक' बनाने का प्रयास किया गया है. सामुदायिक सेवा को सजा के तौर पर शामिल किया गया है.

नियम और कानून के इस सेग्मेंट में हम भारतीय न्याय संहिता के चैप्टर पांच में दिए महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध पर बात करेंगे. आज भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 की चर्चा होगी जिसमें 'बलात्कार' की व्याख्या की गई है. इसमें उन कृत्यों पर विस्तार से बताया गया है जो बलात्कार के अपराध को आकर्षित करते हैं.

बीएनएस की धारा 63: बलात्कार के अपराध में किसी व्यक्ति की संलिप्तता तब मानी जाएगी, जब अमुक व्यक्ति,

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  1. लिंग का प्रवेश: किसी महिला की योनि, मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में किसी भी सीमा तक अपना लिंग प्रवेश कराता है या उसे अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करने के लिए मजबूर करता है; या
  2. वस्तु/शरीर का कोई अंग का कोई प्रवेश: किसी भी हद तक किसी महिला की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में लिंग के अलावा कोई वस्तु या शरीर का कोई हिस्सा डालता है या उसे अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करने के लिए मजबूर करता है; या
  3.  महिला के शरीर को मरोड़ना: किसी महिला के शरीर के किसी भाग से छेड़छाड़ करता है ताकि उसकी योनि, मूत्रमार्ग, गुदा या शरीर के किसी भाग में प्रवेश हो सके या उसे अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करने के लिए मजबूर करता है; या
  4.  मुख का प्रयोग: किसी महिला की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग पर अपना मुंह लगाता है या उसे अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करने के लिए मजबूर करता है,

अगर कोई व्यक्ति उपरोक्त हरकतें महिला के साथ करता है तो उसे अपराध मानने के लिए इन सातों में से किसी एक बात होना आवश्यक है; उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति ने महिला की इच्छा के विरूद्ध, बिना सहमति के, महिला को डराकर उसकी सहमति प्राप्त करना आदि शामिल है. आइये जानते है वे सात परिस्थति कौन से हैं;

  1. उसकी(महिला) की इच्छा के विरुद्ध;
  2. उसकी (महिला) सहमति के बिना;
  3. उसकी सहमति से, लेकिन जब उसकी सहमति उसे डराकर या उसे किसी बात का भय दिलाकर प्राप्त किया जाता है;
  4. उसकी सहमति से, जब पुरुष जानता है कि वह उसका पति नहीं है और सहमति इसलिए दी है क्योंकि वह मानती है कि वह कोई दूसरा पुरुष है जिसके साथ वैध रूप से विवाहित है या जिसके साथ वह स्वयं विवाहित होने का विश्वास करती है.
  5. मानसिक तौर पर प्रभावित होने के बाद या मादक पदार्थ के सहारे सहमति पाना: उसकी सहमति से, जब ऐसी सहमति देते समय, मानसिक अस्वस्थता या नशे के कारण या उसके द्वारा व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य के माध्यम से किसी नशीले या अस्वास्थ्यकर पदार्थ के प्रशासन के कारण, वह उस चीज़ की प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ हो, जिसके लिए वह सहमति दे रही है;
  6. उम्र अठारह वर्ष से कम होने पर:  उसकी सहमति से या बिना सहमति के, जब वह अठारह वर्ष से कम आयु की हो;
  7. और जब वह सहमति व्यक्त करने में असमर्थ हो.

स्पष्टीकरण 1: उपरोक्त मामले में 'योनि' में लेबिया मेजोरा भी शामिल होगा.

स्पष्टीकरण 2: सहमति का अर्थ यहां एक स्पष्ट स्वैच्छिक समझौता से है जब महिला शब्दों, इशारों या मौखिक या गैर-मौखिक तरीके से किसी भी रूप से विशिष्ट यौन क्रिया (Sexual Act) में भाग लेने की इच्छा व्यक्त करती है:

साथ ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 में ये स्पष्ट तौर पर दिया गया है कि यदि कोई महिला पेनेट्रेशन के कार्य का शारीरिक रूप से विरोध नहीं करती है तो उसे केवल इस तथ्य के आधार पर यौन क्रियाकलाप (Sexual Activity) के लिए सहमति देना नहीं माना जाएगा.