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भारतीय ओलंपिक संघ और फुटबॉल महासंघ के संविधान पर होनी थी बहस, उससे पहले ही CJI संजीव खन्ना ने मामले से हुए अलग

चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने सोमवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के संविधानों को अंतिम रूप देने से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.

सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना

Written by My Lord Team |Published : January 6, 2025 1:42 PM IST

चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने सोमवार को भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Associations) और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (All India Football Federation) के संविधानों को अंतिम रूप देने से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. दोनों संविधानों को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एल नागेश्वर राव ने तैयार किया था. वहीं, इन याचिकाओं को 10 फरवरी को जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. साथ ही इस समय के दौरान CJI संजीव खन्ना ने इन संघों के संविधान पर आपत्तियां दर्ज करने का आदेश भी दिया है.

इस वजह से सुनवाई से अलग हुए CJI संजीव खन्ना

कार्यवाही की शुरुआत में चीफ जस्टिस खन्ना ने कहा कि वह इन मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ का हिस्सा नहीं होंगे, क्योंकि उन्होंने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में इनमें से एक याचिका की सुनवाई की थी.  इस पीठ में जस्टिस संजय कुमार भी शामिल रहे. सीजेआई ने कहा कि इन याचिकाओं को 10 फरवरी को न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली दूसरी पीठ के समक्ष आने दें. मुझे स्मरण है कि मैंने दिल्ली हाईकोर्ट में इस पर सुनवाई की थी.

इन याचिकाओं पर आखिरी बार 19 मार्च, 2024 को तत्कालीन सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की थी. उसके बाद पीठ ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को जस्टिस राव द्वारा प्रस्तावित संविधान मसौदे पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने की अनुमति दी थी. पीठ ने यह भी कहा था कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और एआईएफएफ के संविधानों के बारे में उठाए गए मुद्दों पर फैसला करेगी.

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