देश के 52वें CJI बनेंगे जस्टिस बीआर गवई, आज राष्ट्रपति दिलाएंगी शपथ
मनोनीत सीजेआई जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को पद की शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा दिलाया जाएगा. जस्टिस बीआर गवई, सेवानिवृत सीजेआई संजीव खन्ना की जगह लेंगे.
मनोनीत सीजेआई जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को पद की शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा दिलाया जाएगा. जस्टिस बीआर गवई, सेवानिवृत सीजेआई संजीव खन्ना की जगह लेंगे.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि न्यायपालिका में लोगों का विश्वास आदेश जारी कर नहीं बना सकते, इसे कमाना पड़ता है. और हम इसे बार और बेंच के माध्यम से हासिल करते हैं.
सीजेआई संजीव खन्ना ने अनुच्छेद 370, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, ईवीएम-वीवीपैट मिलान आदि ऐतिहासिक मामलों में फैसला सुनाया. उन्होंने पूजा स्थलों अधिनियम और वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों क भी सुनवाई की.
सीजेआई संजीव खन्ना आज रिटायर हो रहे हैं. वह 18 जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट जज बनाए गए थे. उनकी पदोन्नति दिल्ली हाई कोर्ट से हुई थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में करीब 480 बेंचों का हिस्सा रहे. आइये जानते हैं सीजेआई संजीव खन्ना द्वारा सुनाए गए महत्वपूर्ण फैसले...
जस्टिस संजीव खन्ना ने CJI के तौर पर कॉलेजियम की प्रक्रिया और जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया और पारदर्शी बनाते हुए काम-काज का ढांचा पब्लिक डोमेन में रखा. उनका यह कार्यकाल बेहद चुनौतीपूर्ण लेकिन बदलावों से भरा रहा.
जस्टिस बीआर गवई 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे, जो अनुसूचित जाति के दूसरे और पहले बौद्ध मुख्य न्यायाधीश होंगे.
चीफ संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा से मिले जबाव भेजकर इन-हाउस कमिटी की स्थिति से अवगत कराया.
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर अवमानना याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि उनके कंधे चौड़े हैं और वे इस याचिका पर विचार नहीं करना चाहते.
सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई के दिन रिटायर हो रहे हैं, इसलिए उन्होंने मामले की सुनवाई अगले सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच के पास ट्रांसफर करने का फैसला किया है.
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) की CJI के तौर पर नियुक्ति 4 मई, 2025 से प्रभावी होगी और उनका कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 तक रहेगा.
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 15 और 19 अप्रैल को आयोजित बैठकों में यह निर्णय लिया. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर्नाटक के चार सहित सात हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है.
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई भारत के अगले 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. वर्तमान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार को उनका नाम सुझाया है.
केन्द्र सरकार को जबाव देने के लिए राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड या परिषद में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी और मौजूदा वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश पास करने ही वाला था, लेकिन सरकार की ओर से SG तुषार मेहता और दूसरे वकीलों के अनुरोध पर कोर्ट ने ऐसा नहीं किया और सुनवाई टाल दी. अब कोर्ट इस मामले में फिर से सुनवाई करेगी.
शीर्ष अदालत ने कानून के लागू होने के बाद हुई हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि जब वह इन मामलों पर गौर कर रही है तो हिंसा होना यह व्यथित करने वाली बात है.
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा कि क्या केन्द्र हिंदू न्यास में मुस्लिम व्यक्तियों को शामिल करेगी, वहीं अगर संपत्ति पर दावे को लेकर वक्फ और सरकार आमने-सामने हो तो कलेक्टर फैसला कैसे करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस संजय कुमार की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की ओर से मौजूद सीनियर एडवोकेट व राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मामले की त्वरित सुनवाई की मांग की. मास्टर ऑफ रोस्टर यानि सीजेआई संजीव खन्ना इन दलीलों से नाराज होते हुए कहा कि मामलो की सुनवाई की मांग मौखिक तौर पर क्यों की जा रही हैं?
सीजेआई संजीव खन्ना ने अनुच्छेद 370, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, ईवीएम-वीवीपैट मिलान आदि ऐतिहासिक मामलों में फैसला सुनाया. उन्होंने पूजा स्थलों अधिनियम और वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों क भी सुनवाई की.
जस्टिस बीआर गवई 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे, जो अनुसूचित जाति के दूसरे और पहले बौद्ध मुख्य न्यायाधीश होंगे.
चीफ संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा से मिले जबाव भेजकर इन-हाउस कमिटी की स्थिति से अवगत कराया.
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर अवमानना याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि उनके कंधे चौड़े हैं और वे इस याचिका पर विचार नहीं करना चाहते.
सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई के दिन रिटायर हो रहे हैं, इसलिए उन्होंने मामले की सुनवाई अगले सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच के पास ट्रांसफर करने का फैसला किया है.
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) की CJI के तौर पर नियुक्ति 4 मई, 2025 से प्रभावी होगी और उनका कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 तक रहेगा.
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 15 और 19 अप्रैल को आयोजित बैठकों में यह निर्णय लिया. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर्नाटक के चार सहित सात हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है.
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई भारत के अगले 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. वर्तमान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार को उनका नाम सुझाया है.
केन्द्र सरकार को जबाव देने के लिए राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड या परिषद में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी और मौजूदा वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश पास करने ही वाला था, लेकिन सरकार की ओर से SG तुषार मेहता और दूसरे वकीलों के अनुरोध पर कोर्ट ने ऐसा नहीं किया और सुनवाई टाल दी. अब कोर्ट इस मामले में फिर से सुनवाई करेगी.
शीर्ष अदालत ने कानून के लागू होने के बाद हुई हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि जब वह इन मामलों पर गौर कर रही है तो हिंसा होना यह व्यथित करने वाली बात है.
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा कि क्या केन्द्र हिंदू न्यास में मुस्लिम व्यक्तियों को शामिल करेगी, वहीं अगर संपत्ति पर दावे को लेकर वक्फ और सरकार आमने-सामने हो तो कलेक्टर फैसला कैसे करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस संजय कुमार की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की ओर से मौजूद सीनियर एडवोकेट व राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मामले की त्वरित सुनवाई की मांग की. मास्टर ऑफ रोस्टर यानि सीजेआई संजीव खन्ना इन दलीलों से नाराज होते हुए कहा कि मामलो की सुनवाई की मांग मौखिक तौर पर क्यों की जा रही हैं?
Krishna Janmabhoomi Dispute: चीफ जस्टिस ने कहा कि ASI संरक्षित स्मारक क्या मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल हो सकते है या नहीं, ये सवाल हमारे सामने पहले से पेंडिंग है. हम आगे इस पर विचार करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के सभी जज अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक डोमेन में रखेंगे. फैसले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि सभी जजों की संपत्ति का ब्यौरा SC की वेबसाइट पर सार्वजनिक होगा.
मुंबई के रहने वाले 4 याचिकाकर्ताओं ने अर्जी दाखिल कहा है कि जज के घर पर इतनी बड़ी मात्रा में पैसा मिलनाआपराधिक मामला है. इसके लिए 3 जजों की जांच कमिटी बनाने की बजाय पुलिस समेत दूसरी एजेंसियों को जांच के लिए कहना चाहिए.
वकीलों को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा कि आप संवैधानिक अधिकारों, वैधानिक अधिकारों के क्रियान्वयन की मांग कर सकते हैं, और किसी भी अदालत में जाना, वकील से संपर्क करना, व्यक्तिगत रूप से बहस करना बहुत आसान है.