Advertisement

Justice BR Gavai: दलित समुदाय से आनेवाले दूसरे CJI, जानें Judicial Service में उनका अब तक का सफर

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) की CJI के तौर पर नियुक्ति 4 मई, 2025 से प्रभावी होगी और उनका कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 तक रहेगा.

जस्टिस बीआर गवई

Written by Satyam Kumar |Updated : April 30, 2025 11:36 AM IST

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. यह जानकारी केंद्रीय विधि एवं न्याय तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, भारत के अगले सीजेआई होंगे, उनकी न‍ियुक्‍त‍ि 4 मई, 2025 से प्रभावी होगी. जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने दस दिन का होगा और वे 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. वे देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन इस पद पर आसीन रहे थे.

जस्टिस बीआर गवई का न्यायिक करियर

सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ। उन्होंने 16 मार्च 1985 को वकालत की दुनिया में कदम रखा और शुरुआत में दिवंगत राजा एस. भोंसले, जो पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं, उनके साथ कार्य किया। वर्ष 1987 से 1990 तक उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्वतंत्र वकालत की, और इसके बाद मुख्य रूप से नागपुर पीठ के समक्ष विभिन्न मामलों की पैरवी करते रहे।

संवैधानिक और प्रशासनिक कानून उनके प्रमुख क्षेत्र रहे हैं. वे नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के स्थायी वकील रहे हैं. इसके अलावा एसआईसीओएम, डीसीवीएल जैसे स्वायत्त निकायों और विदर्भ क्षेत्र की नगर परिषदों के लिए भी वे नियमित रूप से अदालत में पेश होते रहे. अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक वे नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के तौर पर नियुक्त रहे। बाद में, 17 जनवरी 2000 को उन्हें सरकारी वकील और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया. 14 नवंबर 2003 को वह बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 12 नवंबर 2005 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए. उन्होंने मुंबई की मुख्य पीठ के साथ-साथ नागपुर, औरंगाबाद और पणजी में भी विभिन्न प्रकार के मामलों की अध्यक्षता की. 24 मई 2019 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया.

Also Read

More News

कई अहम फैसलों सुनाए

अपने छह वर्षों के कार्यकाल में न्यायमूर्ति गवई करीब 700 पीठों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें उन्होंने संविधान, प्रशासनिक, दीवानी, आपराधिक, वाणिज्यिक, पर्यावरण और शिक्षा संबंधी मामलों पर काम किया। उन्होंने कई महत्‍वपूर्ण निर्णय द‍िए हैं, इनमें कई संविधान पीठ के ऐतिहासिक फैसले भी शामिल हैं, जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों की रक्षा से जुड़े हैं. जस्टिस गवई ने उलानबटार (मंगोलिया), न्यूयॉर्क (अमेरिका), कार्डिफ़ (यूके) और नैरोबी (केन्या) जैसे शहरों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय सहित विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में संवैधानिक और पर्यावरणीय विषयों पर व्याख्यान भी दिए हैं. वह 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे.

(खबर IANS से है)