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जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR करने की इजाजत दें सुप्रीम कोर्ट, याचिका पर आज होनी है सुनवाई

मुंबई के रहने वाले 4 याचिकाकर्ताओं ने अर्जी दाखिल कहा है कि जज के घर पर इतनी बड़ी मात्रा में पैसा मिलनाआपराधिक मामला है. इसके लिए 3 जजों की जांच कमिटी बनाने की बजाय पुलिस समेत दूसरी एजेंसियों को जांच के लिए कहना चाहिए.

Delhi HC Justice Yashwant verma, Supreme Court

Written by Satyam Kumar |Published : March 28, 2025 9:51 AM IST

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. याचिका को जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच सुनवाई करेगी. मुंबई के रहने वाले 4 याचिकाकर्ताओं ने अर्जी दाखिल कहा है कि जज के घर पर इतनी बड़ी मात्रा में पैसा मिलनाआपराधिक मामला है. इसके लिए 3 जजों की जांच कमिटी बनाने की बजाय पुलिस समेत दूसरी एजेंसियों को जांच के लिए कहना चाहिए.

ट्रांसफर के फैसले पर भी विचार करने का आश्वासन

बीते दिन सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) ने विभिन्न बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट के साथ मीटिंग की. मीटिंग के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (Allahabad High Court Bar Association) के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि CJI ने आश्वासन दिया है कि जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर पर उनकी आपत्ति पर वो विचार करेंगे. बार एसोसिएशन इस मीटिंग के बाद फिर से विचार करेगी कि क्या अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस लिया जाए या नहीं. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन लगातार जस्टिस यशवंत वर्मा का हाई कोर्ट में ट्रांसफर का विरोध कर रहा है. कॉलेजियम की अनुशंसा के खिलाफ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि यहां कोई कूड़ेदान नहीं है. विरोध में एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि अगर जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर हाई कोर्ट में होता है, तो वकील उनके कोर्ट का बहिष्कार करेंगे.

तीन सदस्यीय In-house committee

जांच के क्रम में इन-हाउस कमेटी ने बीते मंगलवार के दिन जस्टिस वर्मा के 30, तुगलक क्रीसेंट स्थित आवास का दौरा किया और उनके खिलाफ आरोपों की जांच शुरू की. समिति में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं. तीनों जस्टिस करीब 30-35 मिनट तक जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास के अंदर रहे और निरीक्षण किया. इस महत्वपूर्ण जांच के निष्कर्ष जस्टिस वर्मा के ज्यूडिशियरी करियर का फैसला करेंगे, जिन पर आरोप है कि 14 मार्च की रात करीब 11.35 बजे आग लगने की घटना के बाद उनके लुटियंस स्थित आवास में नोटों से भरी चार से पांच अधजली बोरियां पाई गईं.

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इस जांच में पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) के नेतृत्व में एक टीम बुधवार को उनके आवास पहुंची. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि डीसीपी (नयी दिल्ली) देवेश महला, एक एसीपी और अन्य अधिकारियों सहित छह सदस्यों की पुलिस टीम अपराह्न करीब 1.50 बजे जस्टिस वर्मा के 30, तुगलक रोड स्थित आवास पर पहुंची और करीब दो घंटे बाद वहां से वापस गई. उन्होंने बताया कि पुलिस टीम का दौरा भारत के प्रधान न्यायाधीश द्वारा गठित तीन न्यायाधीशों की समिति द्वारा कराई जा रही आंतरिक जांच का हिस्सा था.