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देश के पहले बौद्ध CJI होंगे जस्टिस बीआर गवई, 14 मई को लेंगे शपथ

जस्टिस बीआर गवई 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे, जो अनुसूचित जाति के दूसरे और पहले बौद्ध मुख्य न्यायाधीश होंगे.

जस्टिस बीआर गवई

Written by Satyam Kumar |Published : May 12, 2025 9:10 AM IST

देश को मिलने वाला है पहला बौद्ध मुख्य न्यायाधीश। 14 मई को देश के 52 वें चीफ जस्टिस की शपथ लेने जा रहे जस्टिस बी आर गवई अनुसूचित जाति के दूसरे जज और पहले बौद्ध जज होंगे. जस्टिस बी आर गवई ने आज कोर्ट रिपोर्टर्स से अनौपचारिक बातचीत की. पहलगाम में आतंकी हमले के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि जैसे ही हम इस घटना का पता चला, हम हैरान रह गए. चीफ जस्टिस शहर में नहीं थे मैंने उनसे इजाज़त लेकर फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई। मुझे लगता है कि जब पूरा देश तकलीफ हो तो सुप्रीम कोर्ट भावशून्य नहीं रह सकता. मीटिंग में हमने इस भंयकर हमले पीड़ितों को श्रद्धाजंलि देने के लिए दो मिनट मौन रखने का फैसला लिया.

पाकिस्तान के मौजूदा टकराव /ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि देश के हम भी नागरिक है. हमें भी चिंता होती है। सीजफायर पर जस्टिस गवई ने कहा कि युद्ध कोई अच्छी चीज नहीं है। हमारे सामने युद्ध के दो उदाहरण है जो अभी भी चल रहे हैं. यूक्रेन मे कितने दिनो से वॉर हो रहा है क्या मिला. युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता. जस्टिस गवई ने कहा कि वो व्यक्तिगत तौर पर मानते है कि CJI को रिटायरमेंट के बाद कोई राजनीतिक पद नहीं लेना चाहिए. रिटायर होने के बाद राजनीति मे जाने के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि उनका राजनीति में जाने कोई इरादा नहीं है/ हालांकि उनके पिता महाराष्ट्र के एक बडे नेता थे. बिहार के गवर्नर रहे थे लेकिन मुझे राजनीति मे नहीं जाना है, उस समय की राजनीति की बात कुछ और थी. जस्टिस गवई ने कहा कि जब एक बार आप सीजेआई बन जाते है तो रिटायरमेंट के बाद उन पदों को स्वीकार नही करना चाहिए जो प्रोटोकॉल में सीजेआई के पद से नीचे हो, गवर्नर का पद भी सीजेआई से नीचे आता है.

संसद बड़ा या न्यायपालिका के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने तेरह सदस्यीय संविधान पीठ में पहले भी साफ कर चुका है कि संविधान सुप्रीम है. न्यायपालिका को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और उप राष्ट्रपति के बयान पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि लोग कुछ भी कहें संविधान ही सुप्रीम है. केशवानंद भारती मामले में 13 जजों के फैसले में कोर्ट यह साफ कर चुका है. जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मैं सेक्यूलर हूं लेकिन बौद्ध धर्म का पालन करता हूं. मैं मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सब जगह जाता हूं. सभी धर्म के लोगों से मेरे संबंध हैं. मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पुर्णिमा के तत्काल बाद ही चीफ जस्टिस पद की शपथ लूंगा. बाबा साहब अम्बेडकर के साथ ही मेरे पिता जी ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था. मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा.

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जस्टिस यशवंत वर्मा के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मौजूदा चीफ जस्टिस ने पूरी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी गई है। अब आगे की कार्रवाई प्रक्रिया के मुताबिक होगी.