ज्यूडिशियरी में लोगों का विश्वास मज़बूत करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई वाली फुल कोर्ट ने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट के सभी जज अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक डोमेन में रखेंगे. फैसले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि सभी जजों की संपत्ति का ब्यौरा SC की वेबसाइट पर सार्वजनिक होगा.
सूत्रों के मुताबिक, 1 अप्रैल को हुई फुल कोर्ट मीटिंग में सभी जजों ने यह फैसला लिया है कि जजों को पदभार ग्रहण करने पर तथा जब भी उनकी संपति में कोई महत्वपूर्ण चीज़ जुड़ती है, तो वो अपनी संपत्ति का ब्यौरा चीफ जस्टिस को देंगे. इसके अलावे खुद चीफ जस्टिस भी ऐसा करेंगे. इसके बाद इन संपत्ति के ब्यौरे की जानकारी सम्बंधित जज की सहमति से SC की वेबसाइट पर डाली जा सकती है. अब तक चीफ जस्टिस समेत 30 जजों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सौंप दिया है.
1997 में लिए गए एक पूर्व फुल कोर्ट जज के प्रस्ताव के अनुसार, सीजेआई को भारत के मुख्य न्यायाधीश को अपनी संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य था. यह प्रस्ताव केवल सीजेआई निर्देश के तौर पर था. वहीं, 26 अगस्त 2009 के दिन फुल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों की संपत्ति को वेबसाइट पर प्रकाशित करने के अनिवार्य कर दिया गया है. 2009 के प्रस्ताव ने न्यायाधीशों की संपत्ति के विवरण को वेबसाइट पर प्रकाशित करने का मार्ग प्रशस्त किया, जबकि 1997 का प्रस्ताव केवल मुख्य न्यायाधीश को केवल संपत्ति का खुलासा करना अनिवार्य था, लेकिन पब्लिक डोमेन में रखने का फैसला स्वैच्छिक या सीजेआई स्वयं करते थे.
आज सीजेआई की अगुवाई वाली फुल कोर्ट ने फैसला किया है कि अब से सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले जस्टिस अपनी संपत्ति का ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट के बेवसाइट पर अपलोड करेंगे.