26/11 के आरोपी ताहव्वुर राणा को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, 6 जून को होगी अगली पेशी
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को सुरक्षा कारणों से निर्धारित तिथि से एक दिन पहले पेश किया गया और 6 जून, 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को सुरक्षा कारणों से निर्धारित तिथि से एक दिन पहले पेश किया गया और 6 जून, 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सात आरोपी हैं, जिन पर यूएपीए और आईपीसी के तहत आरोप हैं. इस विस्फोट में छह लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.
NIA ने अदालत के सामने दावा किया कि राणा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जानकारी छिपा रहे हैं, इसलिए हमलों में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में ज़रूरी जानकारी निकालने के लिए उनकी हिरासत की जरूरत है.
Delhi Court ने मुख्य गवाहों, फोरेंसिक साक्ष्यों और जब्त दस्तावेज़ों (खासकर राणा और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए टोह लेने के दौरे से संबंधित) के साथ आरोपी का सामना कराने की आवश्यकता को देखते हुए 18 दिन की NIA को कस्टडी सौंपी.
सुनवाई के दौरान तहव्वुर राणा ने NIA Court से कहा कि अगर कोई वकील उसे रिप्रेजेंट कर रहा है, तो उसे कोई खतरा नहीं होना चाहिए. क्योंकि इस घटना को लेकर लोगो मे आक्रोश बहुत है.
26-11 Mumbai Attack : अदालत ने तहव्वुर राणा को 18 दिन के लिए NIA की कस्टडी में भेजा है. लेकिन क्या तहव्वुर राणा को भारत लाना इतना आसान था, आइये जानते हैं तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की पूरी कहानी...
कोर्ट से एनआईए ने राणा की 20 दिनों की कस्टडी देने की मांग की. वहीं, दिल्ली लीगल सर्विस ऑथोरिटी (DLSA) ने तहव्वुर राणा को वकील मुहैया कराया, जिन्होंने इससे आपत्ति जताई.
तहव्वुर राणा का पक्ष रखने के लिए DLSA ने पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया है. वहीं, वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और नरेंद्र मान पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे है. दोनों तहुव्वर राणा की पेशी के दौरान NIA की पैरवी करेंगे.
NIA ने इस चार्जशीट में तहव्वुर राणा की भूमिका सह-षड्यंत्रकारी के रूप की है, जिसने डेविड हेडली और अन्य सह-साजिशकर्ताओं को भारत में आतंकवादी हमले करने की आपराधिक साजिश को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक, वित्तीय और हर तरह की मदद मुहैया कराई.
तहुव्वर राणा को NIA मुख्यालय ले जाकर मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, जिसके बाद जांच एजेंसी उसके रिमांड की मांग कर सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एनआईए अदालत इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका सुन सकती है, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 24 फरवरी के तय की है.
एनआईए कोर्ट ने 12 गवाहों के बयान के आधार पर दोषियों को सजा दी, जबकि मुख्य आरोपी सलीम कोर्ट में पेश नहीं हुआ, जिसके बाद अदालत ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की हत्या 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान की गई थी, जिससे उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में हिंसा भड़क गई थी.
झारखंड की NIA Court ने 2012 के सीपीआई (माओवादी) हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में दोनों आरोपियों को शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-एए)/35 के तहत अधिकतम 15 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा मिली है.
एनआईए अदालत ने एक व्यवसायी को इसलिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी क्योंकि 2017 में उसने मुंबई-दिल्ली उड़ान में अपहरण की धमकी का संदेश छोड़ा था। इस फैसले को अब गुजरात उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है...
इडुक्की जिले के तोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टी. जे. जोसेफ के दाहिने हाथ को 2010 में काट दिया गया था। इस मामले में अब कोच्चि के एक एनआईए अदालत ने फैसला सुनाया है और छह लोगों को दोषी ठहराया है।
न्यायमूर्ति एस एस सुंदर ने थेनी लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया, लेकिन रवींद्रनाथ के वकील के अनुरोध पर न्यायाधीश ने इस आदेश के क्रियान्वयन पर एक महीने की रोक लगा दी, ताकि नेता उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर सकें।
हालांकि अदालत ने कन्हैयालाल की हत्या के बाद की तस्वीरों के साथ उसकी दुकान की रंगीन तस्वीरें माँगने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को सुरक्षा कारणों से निर्धारित तिथि से एक दिन पहले पेश किया गया और 6 जून, 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सात आरोपी हैं, जिन पर यूएपीए और आईपीसी के तहत आरोप हैं. इस विस्फोट में छह लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.
NIA ने अदालत के सामने दावा किया कि राणा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जानकारी छिपा रहे हैं, इसलिए हमलों में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में ज़रूरी जानकारी निकालने के लिए उनकी हिरासत की जरूरत है.
Delhi Court ने मुख्य गवाहों, फोरेंसिक साक्ष्यों और जब्त दस्तावेज़ों (खासकर राणा और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए टोह लेने के दौरे से संबंधित) के साथ आरोपी का सामना कराने की आवश्यकता को देखते हुए 18 दिन की NIA को कस्टडी सौंपी.
सुनवाई के दौरान तहव्वुर राणा ने NIA Court से कहा कि अगर कोई वकील उसे रिप्रेजेंट कर रहा है, तो उसे कोई खतरा नहीं होना चाहिए. क्योंकि इस घटना को लेकर लोगो मे आक्रोश बहुत है.
26-11 Mumbai Attack : अदालत ने तहव्वुर राणा को 18 दिन के लिए NIA की कस्टडी में भेजा है. लेकिन क्या तहव्वुर राणा को भारत लाना इतना आसान था, आइये जानते हैं तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की पूरी कहानी...
कोर्ट से एनआईए ने राणा की 20 दिनों की कस्टडी देने की मांग की. वहीं, दिल्ली लीगल सर्विस ऑथोरिटी (DLSA) ने तहव्वुर राणा को वकील मुहैया कराया, जिन्होंने इससे आपत्ति जताई.
तहव्वुर राणा का पक्ष रखने के लिए DLSA ने पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया है. वहीं, वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और नरेंद्र मान पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे है. दोनों तहुव्वर राणा की पेशी के दौरान NIA की पैरवी करेंगे.
NIA ने इस चार्जशीट में तहव्वुर राणा की भूमिका सह-षड्यंत्रकारी के रूप की है, जिसने डेविड हेडली और अन्य सह-साजिशकर्ताओं को भारत में आतंकवादी हमले करने की आपराधिक साजिश को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक, वित्तीय और हर तरह की मदद मुहैया कराई.
तहुव्वर राणा को NIA मुख्यालय ले जाकर मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, जिसके बाद जांच एजेंसी उसके रिमांड की मांग कर सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एनआईए अदालत इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका सुन सकती है, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 24 फरवरी के तय की है.
एनआईए कोर्ट ने 12 गवाहों के बयान के आधार पर दोषियों को सजा दी, जबकि मुख्य आरोपी सलीम कोर्ट में पेश नहीं हुआ, जिसके बाद अदालत ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की हत्या 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान की गई थी, जिससे उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में हिंसा भड़क गई थी.
झारखंड की NIA Court ने 2012 के सीपीआई (माओवादी) हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में दोनों आरोपियों को शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-एए)/35 के तहत अधिकतम 15 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा मिली है.
एनआईए अदालत ने एक व्यवसायी को इसलिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी क्योंकि 2017 में उसने मुंबई-दिल्ली उड़ान में अपहरण की धमकी का संदेश छोड़ा था। इस फैसले को अब गुजरात उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है...
इडुक्की जिले के तोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टी. जे. जोसेफ के दाहिने हाथ को 2010 में काट दिया गया था। इस मामले में अब कोच्चि के एक एनआईए अदालत ने फैसला सुनाया है और छह लोगों को दोषी ठहराया है।
न्यायमूर्ति एस एस सुंदर ने थेनी लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया, लेकिन रवींद्रनाथ के वकील के अनुरोध पर न्यायाधीश ने इस आदेश के क्रियान्वयन पर एक महीने की रोक लगा दी, ताकि नेता उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर सकें।
हालांकि अदालत ने कन्हैयालाल की हत्या के बाद की तस्वीरों के साथ उसकी दुकान की रंगीन तस्वीरें माँगने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया।