आज 26/11 मुंबई अटैक के आरोपी तहव्वुर राणा को NIA Court में पेश किया जाना है. अदालत में उनके खिलाफ एनआईए ने आज चार्जशीट दाखिल की है. वहीं, संभावना जताई जा रही है किजांच एजेंसी उनसे पूछताछ के लिए कस्टडी की मांग करेंगे. अदालत में पेशी होने व दलील देने को लेकर दिल्ली लीगल सर्विस ऑथोरिटी की ओर से तहुव्वर को पैरवी के लिए वकील उपलब्ध कराया गया है. DLSA की ओर से पीयूष सचदेवा को उनकी पैरवी के लिए नियुक्त किया गया है. वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और नरेंद्र मान पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे है. दोनों तहुव्वर राणा की पेशी के दौरान NIA की पैरवी करेंगे. सुरक्षा वजहों से पूरा पटियाला हाउस कोर्ट परिसर खाली करवा दिया गया. मीडियाकर्मियों को भी परिसर के अन्दर रहने की इजाजत नहीं है. बता दें कि सामान्यत: NIA के मामले में बंद कमरे में सुनवाई ( in camera proceeding) होती है, पर इस केस में तो कोर्ट रूम ही नहीं, पूरा कोर्ट परिसर ही खाली करवा दिया गया है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने तहव्वुर राणा को लेकर तीन रूट बनाए हैं, 1 रूट जिस पर जाएंगे.. इसके अलावा 2 वैकल्पिक रूट... अगर तय रूट पर कोई दिक्कत आती है तो वैकल्पिक रूट का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे पहले, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाने में बड़ी सफलता हासिल की है. यह कामयाबी कई सालों की लगातार कोशिशों और कानूनी प्रक्रिया के बाद मिली है. राणा अमेरिका में न्यायिक हिरासत में था और भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत लाने की प्रक्रिया चल रही थी. 16 मई 2023 को कैलिफोर्निया की जिला अदालत ने उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. इसके बाद राणा ने अमेरिका की कई अदालतों में अपील की, लेकिन सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। उसने सुप्रीम कोर्ट में भी कई अर्जियाँ दीं, लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली. इस प्रक्रिया में एनआईए ने अमेरिकी न्याय विभाग, यूएस स्काई मार्शल, भारत की खुफिया एजेंसियों, एनएसजी और भारत के विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम किया। दोनों देशों के अधिकारियों के तालमेल से यह मामला अंजाम तक पहुंचा.
राणा पर आरोप है कि उसने डेविड हेडली (दाऊद गिलानी), लश्कर-ए-तैयबा (LeT), हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी (HUJI) और पाकिस्तान में छिपे अन्य साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमलों की साजिश रची थी. इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी और 238 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. लश्कर-ए-तैयबा और HUJI को भारत सरकार ने गैरकानूनी और आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.