26/11 के आरोपी ताहव्वुर राणा को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, 6 जून को होगी अगली पेशी
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को सुरक्षा कारणों से निर्धारित तिथि से एक दिन पहले पेश किया गया और 6 जून, 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को सुरक्षा कारणों से निर्धारित तिथि से एक दिन पहले पेश किया गया और 6 जून, 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
NIA ने अदालत के सामने दावा किया कि राणा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जानकारी छिपा रहे हैं, इसलिए हमलों में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में ज़रूरी जानकारी निकालने के लिए उनकी हिरासत की जरूरत है.
Delhi Court ने मुख्य गवाहों, फोरेंसिक साक्ष्यों और जब्त दस्तावेज़ों (खासकर राणा और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए टोह लेने के दौरे से संबंधित) के साथ आरोपी का सामना कराने की आवश्यकता को देखते हुए 18 दिन की NIA को कस्टडी सौंपी.
सुनवाई के दौरान तहव्वुर राणा ने NIA Court से कहा कि अगर कोई वकील उसे रिप्रेजेंट कर रहा है, तो उसे कोई खतरा नहीं होना चाहिए. क्योंकि इस घटना को लेकर लोगो मे आक्रोश बहुत है.
26-11 Mumbai Attack : अदालत ने तहव्वुर राणा को 18 दिन के लिए NIA की कस्टडी में भेजा है. लेकिन क्या तहव्वुर राणा को भारत लाना इतना आसान था, आइये जानते हैं तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की पूरी कहानी...
कोर्ट से एनआईए ने राणा की 20 दिनों की कस्टडी देने की मांग की. वहीं, दिल्ली लीगल सर्विस ऑथोरिटी (DLSA) ने तहव्वुर राणा को वकील मुहैया कराया, जिन्होंने इससे आपत्ति जताई.
तहव्वुर राणा का पक्ष रखने के लिए DLSA ने पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया है. वहीं, वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और नरेंद्र मान पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे है. दोनों तहुव्वर राणा की पेशी के दौरान NIA की पैरवी करेंगे.
NIA ने इस चार्जशीट में तहव्वुर राणा की भूमिका सह-षड्यंत्रकारी के रूप की है, जिसने डेविड हेडली और अन्य सह-साजिशकर्ताओं को भारत में आतंकवादी हमले करने की आपराधिक साजिश को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक, वित्तीय और हर तरह की मदद मुहैया कराई.
तहुव्वर राणा को NIA मुख्यालय ले जाकर मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, जिसके बाद जांच एजेंसी उसके रिमांड की मांग कर सकती है.
गौरतलब है कि भारत ने 10 जून 2020 को प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
राणा को 2011 में शिकागो में लश्कर को सहायता प्रदान करने का दोषी ठहराया गया था, जिसने मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाई थी.
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को सुरक्षा कारणों से निर्धारित तिथि से एक दिन पहले पेश किया गया और 6 जून, 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
NIA ने अदालत के सामने दावा किया कि राणा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जानकारी छिपा रहे हैं, इसलिए हमलों में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में ज़रूरी जानकारी निकालने के लिए उनकी हिरासत की जरूरत है.
Delhi Court ने मुख्य गवाहों, फोरेंसिक साक्ष्यों और जब्त दस्तावेज़ों (खासकर राणा और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए टोह लेने के दौरे से संबंधित) के साथ आरोपी का सामना कराने की आवश्यकता को देखते हुए 18 दिन की NIA को कस्टडी सौंपी.
सुनवाई के दौरान तहव्वुर राणा ने NIA Court से कहा कि अगर कोई वकील उसे रिप्रेजेंट कर रहा है, तो उसे कोई खतरा नहीं होना चाहिए. क्योंकि इस घटना को लेकर लोगो मे आक्रोश बहुत है.
26-11 Mumbai Attack : अदालत ने तहव्वुर राणा को 18 दिन के लिए NIA की कस्टडी में भेजा है. लेकिन क्या तहव्वुर राणा को भारत लाना इतना आसान था, आइये जानते हैं तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की पूरी कहानी...
कोर्ट से एनआईए ने राणा की 20 दिनों की कस्टडी देने की मांग की. वहीं, दिल्ली लीगल सर्विस ऑथोरिटी (DLSA) ने तहव्वुर राणा को वकील मुहैया कराया, जिन्होंने इससे आपत्ति जताई.
तहव्वुर राणा का पक्ष रखने के लिए DLSA ने पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया है. वहीं, वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और नरेंद्र मान पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे है. दोनों तहुव्वर राणा की पेशी के दौरान NIA की पैरवी करेंगे.
NIA ने इस चार्जशीट में तहव्वुर राणा की भूमिका सह-षड्यंत्रकारी के रूप की है, जिसने डेविड हेडली और अन्य सह-साजिशकर्ताओं को भारत में आतंकवादी हमले करने की आपराधिक साजिश को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक, वित्तीय और हर तरह की मदद मुहैया कराई.
तहुव्वर राणा को NIA मुख्यालय ले जाकर मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, जिसके बाद जांच एजेंसी उसके रिमांड की मांग कर सकती है.
गौरतलब है कि भारत ने 10 जून 2020 को प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
राणा को 2011 में शिकागो में लश्कर को सहायता प्रदान करने का दोषी ठहराया गया था, जिसने मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाई थी.