दिल्ली अदालत ने पाकिस्तानी-कनाडाई व्यवसायी ताहव्वुर राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को 18 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. अदालत ने मुख्य गवाहों, फोरेंसिक साक्ष्यों और जब्त दस्तावेज़ों (खासकर राणा और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए टोह लेने के दौरे से संबंधित) के साथ आरोपी का सामना कराने की आवश्यकता को देखते हुए 18 दिन की पुलिस हिरासत मंजूर की. अदालत ने कहा कि सबूतों से साफ प्रतीत होता है कि उसके द्वारा की गई साज़िश भारत की सीमाओं से परे तक फैली हुई है और ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.
अदालत ने रणा को 18 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. यह आदेश आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोपों और यूएपीए की धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों को देखते हुए दिया गया है. यूएपीए के तहत, आतंकवाद से संबंधित मामलों में पुलिस हिरासत की अवधि 30 दिन तक बढ़ाई जा सकती है. साथ ही अदालत ने राणा के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उसका हर 48 घंटे में मेडिकल जांच कराने के दिशानिर्देश दिए.
तहव्वुर राणा पर कई शहरों में आतंकवादी कृत्य करने की साजिश रचने के आरोप है. तहव्वुर राणा के खिलाफ दर्ज किए गए FIR में युद्ध छेड़ने की साज़िश (IPC की धारा 121 ), हत्या की साज़िश (IPC की धारा 302 ), धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी करने की साज़िश (IPC की धारा 468), नकली दस्तावेज़ का उपयोग करने की साज़िश ((IPC की धारा 471 ), और आतंकवादी कृत्य करने की साज़िश (UAPA की धारा 16 ) शामिल हैं। इसके अलावा, आतंकवादी कृत्य करना (UAPA की धारा 16 ), युद्ध छेड़ना (IPC की धारा 121 ), हत्या (IPC की धारा 302 ), और युद्ध छेड़ने की साज़िश (IPC की धारा 121ए) जैसे आरोप भी शामिल हैं.