इंजीनियर राशिद को जब टेरर फंडिंग केस में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने गिरफ्तार किया था, तब वे महज सामान्य नागरिक थे. जेल में रहते हुए उन्होंने लोकसभा 2024 का चुनाव लड़ा और जीतकर आए, अब वे जम्मू एंड कश्मीर के बारामूला से सांसद है. टेरर फंडिंग का मुकदमा पहले NIA कोर्ट में चल रही थी, लेकिन सांसद बनने के बाद उनके मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में होनी चाहिए, इसे लेकर चीजें अस्पष्ट थी. मामला दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष पहुंचा, दिल्ली हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर इस जबाव की मांग की. आइये जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा और उसके बाद इंजीनियर राशिद की जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया.
2019 से जेल में बंद राशिद का दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के बाद से उनकी जमानत याचिका के लिए कोई मंच नहीं मिला है. इसे लेकर राशिद ने पहले हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि NIA अदालत ने उनके जमानत आवेदन को लंबित छोड़ दिया है, यह स्थिति लोकसभा चुनाव में चुने जाने के बाद आया और मामला विशेष सांसद/विधायक अदालत नहीं होने के कारण लम्बित रह गया.
दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने पहले सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के लिए उचित न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टता आवश्यक थी क्योंकि 2016 के एक निर्णय में विशेष सांसद/विधायक अदालत को केवल सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए नामित किया था.
आज जस्टिस विकास महाजन ने राशिद की जमानत याचिका पर सुनवाई तब स्थगित की, जब पीठ को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि NIA कोर्ट राशिद की जमानत याचिका की सुनवाई कर सकता है. दिल्ली हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से जबाव मिलने के बाद टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार सांसद इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका पर 24 फरवरी को सुनवाई निर्धारित की है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, अब एनआईए अदालत द्वारा उनकी याचिका पर विचार किए जाने की उम्मीद है.
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने इंजीनियर राशिद को सोमवार को दो दिन की पैरोल प्रदान की गई, ताकि वे 11 और 13 फरवरी को चल रहे बजट सत्र में भाग ले सकें. यह अंतरिम राहत उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले दी थी.
बरामुला के सांसद इंजीनियर राशिद आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. उन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी समूहों को वित्तपोषण (Terror Funding) करने का आरोप है. राशिद, जिन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में बरामुला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था, 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें 2017 के आतंकवाद वित्तपोषण मामले में NIA द्वारा गिरफ्तार किया गया था.