BNS की इन धाराओं में कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ FIR दर्ज
कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ बीएनएस की धारा 353(1)(बी), 353(2) और 356(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आइये जानते हैं कि ये धाराएं किन अपराध से जुड़ी है.
कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ बीएनएस की धारा 353(1)(बी), 353(2) और 356(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आइये जानते हैं कि ये धाराएं किन अपराध से जुड़ी है.
बता दें कि केन्द्र सरकार ने कानून बनाकर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका को समाप्त कर दिया था.
महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के चलते हिंसा भड़क उठी, जो दंगों में बदल गई. भारतीय न्याय संहिता (BNS, 2023) में दंगों के खिलाफ प्रावधान बताए गए हैं, जिसमें गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, सामूहिक अपराध करने और हिंसा भड़काने के लिए दंड शामिल है. आइये जानते हैं विस्तार से...
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 250 धारा 250 के तहत, कोई भी अभियुक्त मामले की प्रतिबद्धता के साठ दिनों के भीतर बरी होने के लिए आवेदन कर सकता है. यदि न्यायाधीश को कार्यवाही के लिए अपर्याप्त आधार मिलते हैं, तो अभियुक्त को बरी कर दिया जाएगा, और इस निर्णय के कारणों को दस्तावेज़ों में दर्ज किया जाएगा.
नारी वंदन योजना के तहत विधान सभा और संसद में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीट को रिजर्व करने का फैसला लिया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDP) के लिए मसौदा नियम जारी किया है. इस मसौदे के अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की सहमति लेनी होगी.
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के सुसाइड के लिए उकसाने को अपराध घोषित करती है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी को दस साल जेल की सजा और जुर्माना लगाये जाने का प्रवाधान है.
संभल हिंसा मामले में पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहैल इकबाल समेत 800 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि दंगा भड़काने के मामले में भारतीय नागरिक संहिता (BNS) क्या कहती है..
भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(3) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी को जान से मारने, गंभीर नुकसान पहुंचाने और किसी की संपत्ति नष्ट करने की धमकी देता है, उसे सात साल तक की जेल की सजा देने का प्रावधान है.
कानूनी के अनुसार कोई व्यक्ति जो हिंसा से जुड़े किसी भी अपराध का शिकार हुआ है, तो वह पुनर्वास के लिए मुआवजे या सरकारी आर्थिक सहायता का हकदार है. देश के नागरिको को यह सभी अधिकार सीआरपीसी (CRPC) की धारा 357-ए, अब नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS 2023) की धारा 395 में प्रदान की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को जमानत दी है. सेंथिल बालाजी को ईडी ने 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि सूचना प्रद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2023 (IT Amement Act, 2023) को खारिज करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा फर्जी खबरों की फैक्ट चेक यूनिट बनाने का अधिकार देता है, ये संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 के खिलाफ है.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 194 और 195 के बारे में जो दंगे को परिभाषित, उसमें शामिल में या रोक लगाने आई पुलिस के काम में अवरोध डालने या धमकी देने पर क्या सजा होगी, इस बात को बताती है.
बीएनएसएस की धारा 180 पुलिस को आरोपी से पूछताछ करने का अधिकार देती है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 181 और 182 पुलिस जांच के दौरान व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान हैं.
आपसी सहमति के बिना बनाये गए अप्राकृतिक यौन सबंध (Unnatural sex) के लिए सज़ा के प्रावधान को शामिल करने की मांग पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को 6 महीने में फैसला लेने को कहा है.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 160 से 162 सार्वजनिक उपद्रव (Public Nuisance) पर रोक लगाने को लेकर मजिस्ट्रे़ट को मिली शक्तियों को बताती है. सार्वजनिक उपद्रव,पब्लिक प्लेस में हंगामा करना, हाथापाई या शांति व्यवस्था को भंग करना शामिल हैं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता मजिस्ट्रेट को इन पर रोक लगाने की शक्ति देती है.
बीएनएस 2023 की चैप्टर 4 ना केवल सजा, बल्कि सजा के प्रकार, जुर्माना और जुर्माना तय करने की परिस्थिति, साथ ही जुर्माना नही भर पाने की स्थिति में क्या सजा होगी, इस बात का जिक्र करती है.
भारतीय न्याय संहिता में संभोग या यौन संबंध (Sexual Intercourse) से जुड़े अपराधों की सजा की व्याख्या करती है. बीएनएस की धारा 67 में पीड़िता को नुकसान पहुंचाने तो वहीं बीएनएस की धारा 68 किसी तरह की प्राप्त अथॉरिटी या पद के सहारे किसी महिला को यौन संबंध बनाने के कृत्यों को अपराध घोषित करती है, जिसमें कम-से-कम पांच साल जेल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है.
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एस अब्दुल नजीर 4 जनवरी को सेवानिवृत हो गए है . देश की सर्वोच्च अदालत यानी की सुप्रीम कोर्ट में जजों की सेवानिवृति आयु 65 वर्ष है जिसके चलते जस्टिस नजीर का बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अंतिम कार्यदिवस था.
बता दें कि केन्द्र सरकार ने कानून बनाकर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका को समाप्त कर दिया था.
नारी वंदन योजना के तहत विधान सभा और संसद में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीट को रिजर्व करने का फैसला लिया गया है.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(3) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी को जान से मारने, गंभीर नुकसान पहुंचाने और किसी की संपत्ति नष्ट करने की धमकी देता है, उसे सात साल तक की जेल की सजा देने का प्रावधान है.
कानूनी के अनुसार कोई व्यक्ति जो हिंसा से जुड़े किसी भी अपराध का शिकार हुआ है, तो वह पुनर्वास के लिए मुआवजे या सरकारी आर्थिक सहायता का हकदार है. देश के नागरिको को यह सभी अधिकार सीआरपीसी (CRPC) की धारा 357-ए, अब नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS 2023) की धारा 395 में प्रदान की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को जमानत दी है. सेंथिल बालाजी को ईडी ने 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि सूचना प्रद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2023 (IT Amement Act, 2023) को खारिज करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा फर्जी खबरों की फैक्ट चेक यूनिट बनाने का अधिकार देता है, ये संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 के खिलाफ है.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 194 और 195 के बारे में जो दंगे को परिभाषित, उसमें शामिल में या रोक लगाने आई पुलिस के काम में अवरोध डालने या धमकी देने पर क्या सजा होगी, इस बात को बताती है.
बीएनएसएस की धारा 180 पुलिस को आरोपी से पूछताछ करने का अधिकार देती है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 181 और 182 पुलिस जांच के दौरान व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान हैं.
आपसी सहमति के बिना बनाये गए अप्राकृतिक यौन सबंध (Unnatural sex) के लिए सज़ा के प्रावधान को शामिल करने की मांग पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को 6 महीने में फैसला लेने को कहा है.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 160 से 162 सार्वजनिक उपद्रव (Public Nuisance) पर रोक लगाने को लेकर मजिस्ट्रे़ट को मिली शक्तियों को बताती है. सार्वजनिक उपद्रव,पब्लिक प्लेस में हंगामा करना, हाथापाई या शांति व्यवस्था को भंग करना शामिल हैं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता मजिस्ट्रेट को इन पर रोक लगाने की शक्ति देती है.
बीएनएस 2023 की चैप्टर 4 ना केवल सजा, बल्कि सजा के प्रकार, जुर्माना और जुर्माना तय करने की परिस्थिति, साथ ही जुर्माना नही भर पाने की स्थिति में क्या सजा होगी, इस बात का जिक्र करती है.
भारतीय न्याय संहिता में संभोग या यौन संबंध (Sexual Intercourse) से जुड़े अपराधों की सजा की व्याख्या करती है. बीएनएस की धारा 67 में पीड़िता को नुकसान पहुंचाने तो वहीं बीएनएस की धारा 68 किसी तरह की प्राप्त अथॉरिटी या पद के सहारे किसी महिला को यौन संबंध बनाने के कृत्यों को अपराध घोषित करती है, जिसमें कम-से-कम पांच साल जेल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है.
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64 में बलात्कार की घटना में होनेवाली सजा को लेकर बताया गया है. वहीं BNS की धारा 65 नाबालिग से रेप करने के मामले में होनेवाली सजा के बारे में बताया गया है.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 बलात्कार के अपराध की व्याख्या करती है. साथ ही बीएनएस की धारा 63 किन परिस्थितियों में किसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा की पुष्टि करती है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी के तहत कार्यवाही केवल उन मामलों में जारी रहेगी जहां कार्यवाही, जैसे “कोई अपील, आवेदन, परीक्षण, इनक्वायरी या जांच के स्तर पर हो.
हिट एंड रन के मामले में अगर किसी व्यक्ति को दोषी पाया जाता है तो उसे कितनी सजा मिलेगी, भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत उसे कितना जुर्माना लग सकता है. आइये जानते हैं...
देश भर में डाक कानून 18 जून से लागू हो चुका है. इस बात की जानकारी केन्द्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दी है. आइये जानते हैं नये डाक कानून का मुख्य उद्देश्य क्या है....
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस मेनिफेस्टो के खिलाफ शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का जो वादा किया, जो भ्रष्ट आचरण का हिस्सा है.