महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब के नाम पर फिर हिंसा भड़क गई है. चर्चा है कि दो गुटों के बीच औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर झड़प हो गई. (AI Image यूज की गई है)
Image Credit: my-lord.inयह झड़प देखते ही हिंसा-आगजनी में बदल गई. हरकत में आई प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू (बीएनएस की धारा 163) लगाई गई है.
Image Credit: my-lord.inवहीं, स्थानीय डीसीपी कदम के हाथों में 20 टांके लगे है और इस कार्रवाई में तकरीबन 47 लोगों को पुलिस ने डिटेन किया है.
Image Credit: my-lord.inवहीं, बीएनएस की धारा 189 बिना प्रशासन के परमिशन के बिना पांच से अधिक लोगों के जमावड़े को अवैध सभा (Unlawful Assembly) घोषित करती है, अगर उनकी नियत कानून को हाथ में लेने की है.
Image Credit: my-lord.inबीएनएस की धारा 190, किसी हिंसा, घटना के लिए भीड़ या समूह में शामिल सभी व्यक्ति को समान अपराध का आरोपी बनाती है.
Image Credit: my-lord.inभारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191 दंगों की परिभाषित करती है, जिसके अनुसार जब एक समूह किसी सामान्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बल या हिंसा का उपयोग करता है, तो समूह के सभी सदस्य जिम्मेदार हो सकते हैं.
Image Credit: my-lord.inदंगों के लिए सामान्य सजा में दो साल तक की कारावास, जुर्माना, या दोनों शामिल हो सकते हैं. वहीं, यदि दंगाई घातक हथियारों से लैस हैं, तो सजा पांच साल तक बढ़ सकती है, साथ ही जुर्माना भी हो सकता है.
Image Credit: my-lord.inबीएनएस की धारा 192 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी को दंगा करने के लिए उकसाता है और दंगा होता है, तो उसे एक साल तक की कारावास या जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है.
Image Credit: my-lord.inबीएनएस की धारा 195 के अनुसार, अगर दंगे रोकने के दौरान कोई पब्लिक सर्वेंट या पुलिस के कार्य में बाधा डालता है, उसे कम-से-कम 25000 जुर्माना और तीन साल जेल का प्रावधान है, या अदालत दोनों लगा सकती है.
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