सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को जमानत दी है. सेंथिल बालाजी को ईडी ने 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है (Supreme Court grants bail to Former TN minister V Senthil Balaji) . इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने 12 अगस्त को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री की जमानत की मांग पर अपना फैसला रिजर्व रखा था, अब अदालत ने फैसला सुनाते हुए सेंथिल बालाजी को जमानत दी है. मामले में ईडी की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तो वी सेंथिल बालाजी की ओर से मुकुल रोहतगी अदालत के सामने पेश हुए.
वी सेंथिल बालाजी की जमानत की मांग करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्हें हिरासत में रहते हुए एक साल से अधिक का समय हो गया है और ट्रायल पूरा होने के कोई आसार नहीं दिखाई पड़ते हैं. सीनियर वकील ने अपने मुवक्किल के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा कि वी सेंथिल बालाजी की हाल ही में सर्जरी हुई है. मुकुल रोहतगी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की बात पर कहा कि उनके मुवक्किल अब किसी पोर्टफोलियो (मंत्रालय) को नहीं संभाल रहे हैं.
वहीं, ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एक साल की जेल व ट्रायल में देरी होने के आधार पर जमानत देने का कोई मजबूत कारण नहीं है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने वी सेंथिल बालाजी को जमानत दे दी है.
वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका को मद्रास हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि अगर उन्हें रिहा किया गया तो गवाहों को प्रभावित करने की संभावना है. साथ ही उनका मेडिकल कंडीशन्स गंभीर नहीं दिखाई पड़ता है,जिसके आधार पर उन्हें जमानत दिया जाए.
जून 2023 में, ईडी ने राज्य के परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कैश फॉर जॉब से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बालाजी को गिरफ्तार किया था.