25 साल जेल में बिताने के बाद 'व्यक्ति' सामने आई सच्चाई, चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धी बरकरार रखते हुए आरोपी को रिहा करने के आदेश देते हुए कहा कि सुनवाई के पहले चरण में, अदालतों ने इस बात पर ठीक से ध्यान नहीं दिया कि आरोपी की उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच थी, जब यह अपराध किया गया था.