कभी-कभी पुलिस को किसी अपराध में साक्ष्य नहीं मिल पाते हैं, जिससे कि आरोपियों की दोष साबित हो
Source: my-lord.inतब पुलिस दोष सिद्ध करने के लिए आरोपियों में से किसी एक को सरकारी गवाह बनने को राजी करता है,
Source: my-lord.inजिससे गवाह के बयान अपराधियों की दोषसिद्धी भी साबित हो जाए.
Source: my-lord.inसरकारी गवाह बनने के लिए जरूरी है उस व्यक्ति को घटना की पूरी जानकारी हो
Source: my-lord.inऔर वह अदालत के सामने सच्चाई बताने को तैयार हो.
Source: my-lord.inसरकारी गवाह बने आरोपी को अदालत क्रिमिनल केस में क्षमादान भी दे सकती है.
Source: my-lord.inभारतीय न्याय संहिता की धारा 343 सरकारी गवाह बने आरोपी के क्षमादान की बात कहती है
Source: my-lord.inपहला, जो अपराध सेशन कोर्ट (जिले का क्रिमिनल कोर्ट) द्वारा विचारणीय है,
Source: my-lord.inदूसरा उस अपराध में कम-से-कम सात साल की सजा का प्रावधान हो
Source: my-lord.inबता दें कि अपराध की जांच पूरी होने के बाद ही न्यायिक मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास क्षमादान दे सकते हैं.
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