क्या सरकारी गवाह बनने पर आरोपी की सजा माफ हो सकती है?

Satyam Kumar

Source: my-lord.in | 22 Nov, 2024

सबूत की कमी

कभी-कभी पुलिस को किसी अपराध में साक्ष्य नहीं मिल पाते हैं, जिससे कि आरोपियों की दोष साबित हो

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सह-आरोपी के खिलाफ गवाही

तब पुलिस दोष सिद्ध करने के लिए आरोपियों में से किसी एक को सरकारी गवाह बनने को राजी करता है,

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सरकारी गवाह

जिससे गवाह के बयान अपराधियों की दोषसिद्धी भी साबित हो जाए.

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अपराध के बारे में पता हो

सरकारी गवाह बनने के लिए जरूरी है उस व्यक्ति को घटना की पूरी जानकारी हो

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अदालत को बताए सच्चाई

और वह अदालत के सामने सच्चाई बताने को तैयार हो.

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क्षमादान

सरकारी गवाह बने आरोपी को अदालत क्रिमिनल केस में क्षमादान भी दे सकती है.

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BNS 343

भारतीय न्याय संहिता की धारा 343 सरकारी गवाह बने आरोपी के क्षमादान की बात कहती है

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सेशन कोर्ट

पहला, जो अपराध सेशन कोर्ट (जिले का क्रिमिनल कोर्ट) द्वारा विचारणीय है,

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न्यूनतम सात साल की सजा

दूसरा उस अपराध में कम-से-कम सात साल की सजा का प्रावधान हो

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मिलेगा क्षमादान

बता दें कि अपराध की जांच पूरी होने के बाद ही न्यायिक मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास क्षमादान दे सकते हैं.

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