हर व्यक्ति के जेहन में ये सवाल उठता होगा कि पुलिस जिस तरह से कार्रवाई करती है, तो क्या हिरासत में लिए गए व्यक्ति का बयान अदालत में मान्य होगा?
Source: my-lord.inतो आइये जानते हैं कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता इस मामले में क्या कहती है और उसके बाद आपको अपने सवाल का जवाब स्वत: ही मिल जाएगा.
Source: my-lord.inबीएनएसएस की धारा 180 पुलिस को आरोपी से पूछताछ करने का अधिकार देती है.
Source: my-lord.inभारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 181 और 182 पुलिस जांच के दौरान व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान हैं.
Source: my-lord.inबीएनएसएस की धारा 181 इस बात पर जोड़ देती है कि पुलिस को दिए गए बयानों का सही ढंग से उपयोग हो और आरोपी के खिलाफ उनका अनुचित तरीके से उपयोग न हो.
Source: my-lord.inवहीं पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्ति का बयान लिखित में लिया गया है तो उस पर बयान देने वाले व्यक्ति का सिग्नेचर भी नहीं लिया जा सकता है.
Source: my-lord.inबीएनएसएस की धारा 182 के अनुसार पुलिस किसी आरोपी का बयान प्रलोभन, धमकी या वादे के आधार पर नहीं लिया गया हो और वह आरोपी अपनी स्वेच्छा से दिया हो.
Source: my-lord.inवहीं अगर पुलिस ने किसी जोर-जबरदस्ती से आरोपी से बयान लिया है तो ये बयान अदालत में मान्य नहीं होंगे.
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