हाल ही में देश के शीर्ष अदालत के समक्ष एक ऐसा मामला आया जिसमें आरोपी रेप पीड़िता को बार-बार गवाही के लिए बुलाने की जिद कर रहा था.
Source: my-lord.inतीसरी बार गवाही के बुलाने के लिए आरोपी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा है कि यौन उत्पीड़न की नाबालिग पीड़िता को ट्रायल कोर्ट में गवाही के लिए बार-बार नहीं बुलाया जाना चाहिए.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि पीड़िता को पहले ही दो बार गवाही देने के लिए बुलाया जा चुका है.
Source: my-lord.inअदालत उड़ीसा हाईकोर्ट और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत बने स्पेशल कोर्ट के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नाबालिग पीड़िता को गवाह के रूप में दोबारा जांच के लिए बुलाने से इंकार कर दिया गया था.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यौन अपराध के दर्दनाक अनुभव से पीड़ित बच्चे को एक ही घटना के बारे में गवाही देने के लिए बार-बार नहीं बुलाया जाना चाहिए.
Source: my-lord.inपॉक्सो अधिनियम एक विशेष कानून है, जिसे बच्चों को यौन अपराधों से बचाने और उनके हितों की रक्षा करने और अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई के हर चरण में बच्चे की भलाई सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घटना के समय पीड़िता की उम्र करीब 15 साल थी और आरोपी के वकील को नाबालिग से दो बार जिरह करने का मौका पहले ही दिया जा चुका है.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट और स्पेशल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपी की याचिका खारिज की.
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