POCSO Act: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की पत्नी सीमा रानी खाखा को जमानत देने से इनकार कर दिया है. आरोपी अफसर पर अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार कर उसे गर्भवती करने का आरोप है. अदालत ने संभावित गवाहों से छेड़छाड़ को लेकर उसकी पत्नी सीमा रानी खाखा पर अपराध में सक्रिय रूप से भाग लेने का आरोप है, जिसमें पीड़िता के गर्भ को समाप्त करने के लिए दवा देना भी शामिल है.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सीमा रानी खाखा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करना यह मामला दो परिवारों के बीच विश्वास की भावना को कम करने का उदाहरण बनेगा साथ ही कि इस स्तर पर जमानत देने से गवाहों को प्रभावित करने की संभावना भी बन सकती है. इस साल फरवरी में भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने POCSO मामले में प्रेमोदय खाखा और उनकी पत्नी सीमा रानी खाखा को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
खाखा परिवार ने इस आधार पर जमानत के लिए तर्क दिया था कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक पूरी चार्जशीट दाखिल नहीं की है, जिसके कारण उन्हें डिफॉल्ट जमानत मिल सकती है. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस ज्योति सिंह ने जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 11 अक्टूबर, 2023 को चार्जशीट दाखिल की और तीस हजारी कोर्ट ने 9 नवंबर, 2023 को इसका संज्ञान लिया है.
अगस्त 2023 में गिरफ्तारी के बाद से खाखा परिवार न्यायिक हिरासत में है. दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर रह चुके प्रेमोदय खाखा पर एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने और उसे गर्भवती करने का आरोप है. उनकी पत्नी सीमा रानी खाखा पर पीड़िता को धमकाने और गर्भपात कराने का आरोप है. इस मामले में बलात्कार, छेड़छाड़, आपराधिक धमकी और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.