IAS पूजा खेडकर पर लगे ये आरोप, अब तो UPSC ने दर्ज कराई FIR
UPSC ने पूजा खेडकर को नोटिस जारी कर पूछा कि उनकी उम्मीदवारी क्यों रद्द नहीं की जाए साथ ही आगामी यूपीएससी परीक्षा में बैठने पर रोक क्यों नहीं लगाया जाए.
UPSC ने पूजा खेडकर को नोटिस जारी कर पूछा कि उनकी उम्मीदवारी क्यों रद्द नहीं की जाए साथ ही आगामी यूपीएससी परीक्षा में बैठने पर रोक क्यों नहीं लगाया जाए.
बीएनएसएस की धारा 360 के अनुसार केस वापस लेने से पहले पीड़ित को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाएगा. पीड़ित की राय के बाद ही मुकदमे को हटाया जाएगा.
पहले अक्सर सुनने को मिल जाता था कि पुलिस ने 'घटनास्थल' को दूसरे पुलिस स्टेशन की सीमा क्षेत्र बताकर शिकायत लिखने से मना कर देता था. जीरो एफआईआर के आने से अब ऐसा नहीं होगा.
भारत सरकार ने जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर के माध्यम से शिकायत कराने पर आगे कैसे कार्रवाई की जानी चाहिए या किस तरह से कार्रवाई आगे बढ़ेगी, इसे लेकर SOP जारी किया है
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता और डॉक्टर के बीच 10 साल से अधिक समय से संबंध थे और डॉक्टर के खिलाफ बलात्कार का मामला इसलिए दर्ज नहीं किया जा सकता क्योंकि डॉक्टर ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पीड़िता ने आर्टिकल 361 का जिक्र किया है. साथ ही राज्यपाल को मिली इम्युनिटी या विशेष छूट को लेकर दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है.
हाथरस भगदड़ दुर्घटना में अब पुलिस ने सत्संग आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि आयोजन में तय संख्या से ज्यादा लोग शामिल हुए जिससे यह हादसा हुआ.
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के मामले में हुए FIR को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पैसे लेकर हुए समझौते को 'सही न्याय' का उल्लंघन माना. अदालत ने कहा कि इस मामले का फैसला ट्रायल के माध्यम से ही होगा, भले ही उसमें गलती पीड़िता पक्ष की निकले या आरोपी की.
Zero FIR का कॉन्सेप्ट है कि घटना की शिकायत किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई जा सकती है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 173 में Zero FIR का जिक्र आता है.
भारतीय न्याय संहिता में दिल्ली पुलिस ने रेहड़ी वाले के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया है. रेहड़ी वाले के खिलाफ पुलिस ने BNS सेक्शन 285 के तहत मामला दर्ज किया है.
भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद पहला मुकदमा सेंट्रल दिल्ली के कमला थाने मार्किट में BNS Section 285 ( सार्वजनिक मार्ग पर बाधा उत्पन्न करने) में दर्ज हुई है.
AIMIM चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के बाहर स्लोगन लगाने व काला पेंट फेंकने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 506, 153ए और 147 के तहत मामला दर्ज किया है.
हाल ही में फिल्म अभिनेत्री व बीजेपी नेत्री कंगना रानौत के साथ चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर एक चिंतनीय घटना घटित हुई. सुरक्षा जांच के दौरान मौजूद सीआईएसएफ महिला कर्मचारी पर कंगना रानौत ने थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी इस घटना को गंभीर बताया है.
महिला के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में व्यक्ति की FIR रद्द करने की मांग को Delhi High Court ने अनोखी शर्त रखी है. शर्त के अनुसार, व्यक्ति को तीस दिनों के लिए ट्रैफिक पुलिस की मदद करनी होगी.
पुलिस ने गैंग रेप पीड़िता के बयान के आधार पर राजस्थान मजिस्ट्रेट के खिलाफ SC/ST सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है. मजिस्ट्रेट पर दलित पीड़िता के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा है.
मणिपुर में 19 जुलाई को एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिसमे दो कुकी महिलाओं को एक भीड़ द्वारा सड़क पर नग्न घुमाया गया, इतना ही नहीं उनके साथ रेप भी हुआ था.
किसी अपराध के खिलाफ अगर आप पुलिस में शिकायत करते हैं और एफआईआर दर्ज करने के बाद अगर पुलिस अधिकारी उसपर कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं करते हैं तो आपको आगे क्या करना चाहिए और एक्शन न लेने पर पुलिस के खिलाफ सजा का क्या प्रावधान है, जानिए...
आपको अगर किसी आपराधिक मामले को रिपोर्ट करना हो, उसके लिए अदालत में मुकदमा दर्ज करना है तो उसकी प्रक्रिया क्या है, आइए विस्तार से जानते हैं...
किसी अपराध के खिलाफ अगर आप पुलिस में शिकायत करते हैं और एफआईआर दर्ज करने के बाद अगर पुलिस अधिकारी उसपर कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं करते हैं तो आपको आगे क्या करना चाहिए और एक्शन न लेने पर पुलिस के खिलाफ सजा का क्या प्रावधान है, जानिए...
आपको अगर किसी आपराधिक मामले को रिपोर्ट करना हो, उसके लिए अदालत में मुकदमा दर्ज करना है तो उसकी प्रक्रिया क्या है, आइए विस्तार से जानते हैं...
जब कभी आपके पास पुलिस थाने से कोई फोन कॉल आता है और आपको पता चलता है कि आपके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है और आपको थाने आने के लिये कहा जाता है तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए।
प्रथम सूचना रिपोर्ट यानी एफआईआर क्या होती है, इसे कब और कैसे दायर किया जा सकता है; आइए जानते हैं
उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री टीएस रावत के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में हाईकोर्ट ने पत्रकारों सहित तीन लोगो के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील पेडिंग रहते हुए पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी.
जहां एक ओर सर्वोच्च न्यायालय केवल मौलिक अधिकारों के हनन की स्थिति में ही रिट जारी कर सकता है, वहीं उच्च न्यायालय को किसी अन्य उद्देश्य के लिये भी रिट जारी करने का अधिकार है.
2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम की पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से मैच हारने से नाराज रामनागेश श्रीनिवास अकुबाथिनी ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर विराट कोहली की बेटी वामिका को लेकर अपमानजक टिप्पणी की. विवादित ट्वीट में विराट की 9 महीने की बेटी से बलात्कार की धमकियां दी गईं.
पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी (Officer in Charge) पुलिस रिपोर्ट पर उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सशक्त मजिस्ट्रेट को राज्य सरकार द्वारा विहित प्रारूप में एक रिपोर्ट भेजेगा.
पत्रकार ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख पर मारपीट करने और दुर्व्यहार करने का आरोप लगाया था.पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद अदालत ने समलान को इस मामले में समन जारी किया था.
अभियुक्त को दोषमुक्त या दोषी ठहराए जाने के समर्थन में दिए गए कारणों के साथ अदालत द्वारा निर्णय दिया जाता है. यदि अभियुक्त को बरी कर दिया जाता है, तो अभियोजन पक्ष को अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का समय दिया जाता है.
पुलिस अधीक्षक/पुलिस कमिश्नर द्वारा भी कोई जांच नहीं करने की स्थिती में शिकायतकर्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) के समक्ष शिकायत दर्ज़ करवाने के लिए आवेदन दायर कर सकता है.
सीआरपीसी के अनुसार अपराध को दो भागों में बांटा गया हैं. संज्ञेय अपराध प्रकृति में गंभीर एवं संगीन प्रकृति के होते हैं. इस तरह के अपराध के मामलों में पीड़ित की और से सरकार द्वारा मुकदमा लड़ा जाता है.
फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट यानी FIR किसी भी अपराध या वारदात की पहली जानकारी जो कोई भी व्यक्ति पुलिस के पास दर्ज कराता है. एक बार किसी पुलिस थाने में दर्ज कि गयी एफआईआर को केवल अदालत द्वारा ही रद्द कराया जा सकता है या फिर राज्य की कैबिनेट से एप्रूवल के बाद ही समाप्त किया जा सकता है.