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BNS का पहला मुकदमा! दिल्ली पुलिस ने 'रेहड़ी वाले' के खिलाफ दर्ज की शिकायत

भारतीय न्याय संहिता में दिल्ली पुलिस ने रेहड़ी वाले के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया है. रेहड़ी वाले के खिलाफ पुलिस ने BNS सेक्शन 285 के तहत मामला दर्ज किया है.

दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के खिलाफ खड़े रेहड़ी वाले के खिलाफ BNS के तहत पहली शिकायत दर्ज की है.

Written by Satyam Kumar |Published : July 1, 2024 12:52 PM IST

Bhartiya Nyay Sanhita, 2023: देर रात से भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू हो चुकी है. भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अनुसार दिल्ली पुलिस ने पहली FIR भी दर्ज की है. दिल्ली पुलिस ने मुकदमा रेहड़ी वाले (Street Vendor) के खिलाफ दर्ज की है. आरोप सार्वजनिक जगहों पर आवाजाही को अवरूद्ध करने का है. रेहड़ी वाले के खिलाफ बीएनएस सेक्शन 285 लगाई गई है. शिकायत लिखने के बाद पुलिस आगे की जांच के लिए तत्परता से जुट गई है.

दिल्ली पुलिस ने BNS में पहला मुकदमा किया दर्ज

दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और सामान बेचने के आरोप में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी की पहचान बिहार के बाढ़ निवासी पंकज कुमार के रूप में हुई है. पुलिस ने एफआईआर में बताया कि आरोपी मुख्य सड़क के पास ठेले पर तंबाकू और पानी बेच रहा था, जिससे आने-जाने वालों को परेशानी हो रही थी. जब उस इलाके में गश्त कर रही पुलिस ने आरोपी को अपना ठेला हटाने के लिए कहा, तो उसने अधिकारियों की बात अनसुनी कर दी जिसके बाद पुलिस ने वेंडर के खिलाफ का मामला दर्ज किया है.

BNS में IPC से कितनी ज्यादा धाराएं?

देश में भारतीय दंड संहिता (IPC) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), सीआरपीसी के स्थान पर नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BEA) लागू किया गया है. भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं वहीं IPC में कुल 511 धाराओं थी. भारतीय न्याय संहिता में कुल 20 नए अपराध जोड़े गए हैं तथा 33 अपराधों के लिए कारावास की सजा बढ़ाई गई है.

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BNSS में CrPC के मुकाबले कितनी धाराएं? 

वहीं, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में 531 धाराएँ हैं जबकि सीआरपीसी की 484 धाराएं थी. संहिता में कुल 177 प्रावधानों में बदलाव किया गया है और नौ नई धाराओं के साथ-साथ 39 नई उप-धाराएँ भी जोड़ी गई हैं.