दिवाली में अपनों को गिफ्ट करें Property? जानें Transfer of Property Act के तहत ऐसा करने का तरीका
गिफ्ट डीड एक ऐसा दस्तावेज है जिसके जरिए कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी चल या अचल संपत्ति को गिफ्ट कर सकता है.
गिफ्ट डीड एक ऐसा दस्तावेज है जिसके जरिए कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी चल या अचल संपत्ति को गिफ्ट कर सकता है.
केन्द्र सरकार ने शत्रु संपत्ति को लेकर अधिसूचना में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शत्रु संपत्ति का मूल्य 1 करोड़ रूपये से कम और शहरी क्षेत्रों में पांच करोड़ रूपये के मूल्य से कम में निस्तारण किया जाएगा.
अचल संपत्ति शब्द का मतलब ऐसी किसी भी चीज़ से है जो एक व्यक्ति के पास है जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता है.
मध्य प्रदेश की दामोह जिला कोर्ट ने कमर्शियल व्हेकिल फाइनेंस कराने के बाद कंपनी को 13 लाख रूपये 20 हजार रूपये नहीं दिए जिसे लेकर अदालत ने बिग बॉस कंटेस्टेंट चाहत पांडे की मां की संपत्ति कुर्क करने को लेकर वारंट जारी किया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने डूसू चुनाव के उम्मीदवारों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर व्यक्ति के पास टाइटल सूट बना हो तो वह बलपूर्वक भी अपनी संपत्ति से कब्जा को हटा सकता है.
केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अदालत व्यक्ति के दूसरी शादी को कानून वैध नहीं मानती है, लेकिन दूसरी शादी से हुए तीन बच्चों के अधिकार को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार माता-पिता की संपत्ति में उसके बेटे-बेटियों का समान रूप से अधिकार होता है. साथ ही सामान्य स्थिति में सास -ससुर की संपत्ति में बहू को कोई अधिकार नहीं होता है.
बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को करीब 25 करोड़ रुपये की बकाया वसूली के लिए कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग और उसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (CMD) सी पार्थसारथी के बैंक खातों के साथ शेयरों एवं म्यूचुअल फंड संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया.
वक्फ एक्ट मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों एवं धार्मिक संस्थानों के मैनेजमेंट व रेगुलेशन के लिए बनाया गया कानून हैं. वक्फ एक्ट का मुख्य उद्देश्य इन संपत्तियों की पहचान, उनका संरक्षण और प्रबंधन करना है. वक्फ एक्ट को पहली बार साल 1954 में पारित किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ऑर्डर कॉपी में लिखा है कि कानून राजाओं का राजा है, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं जिसकी सहायता से कमजोर भी विजय पा सकता है.
पैतृक संपत्ति में ऊपर की तीन पीढ़ियों की संपत्ति शामिल होती है. यानी, पिता को उनके पिता यानी दादा और दादा को मिले उनके पिता यानी पड़दादा से मिली संपत्ति हमारी पैतृक संपत्ति है. पैतृक संपत्ति में पिता द्वारा अपनी कमाई से अर्जित संपत्ति शामिल नहीं होती है.
मृत व्यक्ति की संपत्ति में चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल हैं और दोनों के बीच कोई अंतर नहीं है. संयुक्त परिवार की संपत्ति या खुद से अर्जित की गई संपत्ति की कोई अवधारणा नहीं है.
मद्रास हाईकोर्ट ने बताया कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स में से कोई एक अगर विवाहित है, तो वे अपने लिव-इन-पार्टनर की संपत्ति में दावा नहीं कर सकते हैं. साथ ही विवाहेत्तर संबंध को लिव इन कहना आपत्तिजनक है.
पुलिस जब भी किसी आपराधिक मामले की जांच करती है तो कई तरह की चीजें बरामद करती है. वह बेहद महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि उनका साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
चेक बाउंस की समस्या के चलते दिल्ली एमसीडी प्रॉपर्टी टैक्स पेमेंट के लिए चेक लेना एक जुलाई से बंद कर रही है. आइये जानते हैं कि चेक बाउंस की समस्या से निपटने के लिए आप क्या कर सकते हैं और इसमें कानूनी मदद कैसे ली जा सकती है...
दिल्ली नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स पेमेंट के नियम में बदलाव किया है. टैक्स पेमेंट करने का यह फैसला एक जुलाई से लागू होगा. एमसीडी चेक बुक से प्रॉपर्टी टैक्स स्वीकार नहीं करेगी.
केरल की एक मुस्लिम महिला ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत अपनी पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. यह दिलचस्प है कि महिला ने मुस्लिम पर्सनल लॉ की जगह हिंदू कानूनों के तहत यह मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मतदाताओं को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की निजी जिंदगी की पूरी जानकारी जानने का अधिकार नहीं है. वहीं, उम्मीदवारों को निर्देश दिया कि वे ऐसा कोई जानकारी नहीं छुपाए जिसका वोटिंग पर प्रभाव पड़े.
सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी जिसमें कहा गया था वकीलों के घर से होनेवाली पेशेवर गतिविधि के कारण उनके घर को व्यावसायिक भवन के तहत टैक्स लगाने की मांग थी. मामले में पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एकल न्यायधीश के इस फैसले को बरकरार रखा था.
कानून में वैसे तो माता-पिता को दी गई संपत्ति भी वापस लेने का अधिकार है, लेकिन यह भी उनके द्वारा अर्जित प्रॉपर्टी तक ही सीमित है. आइये जानते है इससे जुड़ें कानून ।
जब भी हमें वित्तिय रुप से धन की आवश्कता होती है, तो हम हमारे संपत्ति को गिरवी रख देते है और कुछ धनराशि प्राप्त कर लेते है जिससे कि कुछ समय के लिए हमें हमारे जीवन में एक ठहराव मिल जाता है ।
संविधान में संपत्ति हस्तांतरण हेतु प्रावधान है लेकिन यदि किसी कपल के अपने बच्चे नहीं हैं और उन्होंने बच्चे गोद लिए हैं तो उन अडॉप्टेड बच्चों का अपने माता-पिता की संपत्ति पर क्या अधिकार है, आइए जानते हैं क्या कहता है कानून.
कई बार कुछ लोग दूसरो के बनाए गए गानों को अपना नाम देकर उससे पैसे कमाते हैं इससे उस गाने के असली मालिक को नुकसान पहुंचता है
दिल्ली में यदि एक वकील का ऑफिस उसके घर पर है तो क्या उसके लिए उसे प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा? दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है
एक हाउसवाइफ के अधिकारों को लेकर कोई अलग से कानून तो नहीं है लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में हाउसवाइफ की मेहनत और योगदान को अहमियत देते हुए एक फैसला सुनाया है
अगर कोई व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाता है तो वह दंड का भागीदार होगा
'भागीदारी' और 'सह-स्वामित्व' के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि 'भागीदारी' व्यवसाय के लिए की जाती है बल्कि 'सह-स्वामित्व' का उद्देश्य पैसे कमाना नहीं होता है।
अपनी पत्नी के साथ विवाद में खुद अपनी पैरवी कर रहे आरोपी ने दावा किया कि उसे अदालत से न्याय नहीं मिल रहा है.
कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने हाल ही में एक अहम् टिप्पड़ी करते हुए कहा कि "भारतीय समाज में, यदि एक पति अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति प्राप्त करने के लिए प्रतिफल राशि की आपूर्ति करता है, तो इस तरह के तथ्य का अर्थ बेनामी लेनदेन नहीं है."
दाखिल खारिज (Mutation) की प्रक्रिया देश के सभी राज्यों के राजस्व कार्यालयों (तहसीलदार) स्तर पर की जाती है। यदि आपने किसी जमीन के टुकड़े को खरीद रखा है तो उसके दाखिल खारिज हेतु तहसीलदार के कार्यालय में अर्जी देनी होगी.
अगर कोई आपकी संपत्ति को गलत तरीके से हथियाने या लेने की कोशिश करता है तो आप उससे किस तरह बच सकते हैं और उसके लिए कानून में क्या प्रावधान है, जानिए
लोक अभियोजक योगेश यादव ने भाषा को बताया कि जिला अदालत ने कांग्रेस नेता की याचिका को आंशिक रूप से विचारार्थ स्वीकार कर लिया और वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया.
अगर आपको शक है कि वसीयत में छेड़छाड़ किया गया है या फिर आपको लगता है कि आपको जितना हक मिलना चाहिए उतना नहीं मिला है, तो ऐसे में आप कानून का सहारा ले सकते हैं
किसी भी मामले को शांति से भी बैठ कर सुलझाया जा सकता है लेकिन लालच ऐसा करने से रोकती है इसलिए कई बार जब बात पैतृक संपत्ति के बंटवारे की बात आती है तब कई घरों में खून खराबा भी हो जाता है.
किसी भी व्यापार में एग्रीमेंट का अहम किरदार होता है. जब हम किसी को अपना मकान रेंट पर देते हैं या किसी से लेते है तब अलग- अलग प्रकार के कानूनी समझौते किये जाते हैं ताकि भविष्य में कोई परेशानी ना हो.