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'चुनावी हलफनामे में चल संपत्ति की सभी जानकारी देने की जरूरत नहीं', सुप्रीम कोर्ट ने कारिखो की बहाल की विधायकी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मतदाताओं को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की निजी जिंदगी की पूरी जानकारी जानने का अधिकार नहीं है. वहीं, उम्मीदवारों को निर्देश दिया कि वे ऐसा कोई जानकारी नहीं छुपाए जिसका वोटिंग पर प्रभाव पड़े.

Written by My Lord Team |Published : April 9, 2024 8:19 PM IST

मंगलवार (09 अप्रैल 2024) के दिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी हलफनामें में संपत्ति का पूरा ब्यौरा देने के मसले पर अहम टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मतदाताओं को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की निजी जिंदगी की पूरी जानकारी जानने का अधिकार नहीं है. वहीं, उम्मीदवारों को निर्देश दिया कि वे ऐसा कोई जानकारी नहीं छुपाए जिसका वोटिंग पर प्रभाव पड़े. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कारिखो क्रि नामक निर्दलीय एमएलए की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें विधायक के ऊपर चुनावी हलफनामे में संपत्ति की गलत जानकारी देने के आरोप लगे थे.

वोटिंग को प्रभावित करने वाली जानकारी ना छिपाएं

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. डिवीजन बेंच ने कहा, उम्मीदवारों को अपनी सभी चल संपत्ति की जानकारी देने की जरूरत तब तक नहीं है, जब कि वे मतदाताओं के वोट देने के फैसले को प्रभावित नहीं करें.

बेंच ने कहा,

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"मतदाताओं के लिए किसी उम्मीदवार के निजी जीवन के बारे में गहराई से जानने का पूर्ण अधिकार नहीं है और उम्मीदवारों को ऐसी जानकारी अवश्य बतानी चाहिए जो मतदान को प्रभावित कर सकती हैं."

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को एक मिसाल के तौर पर लेने से भी मना किया. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि ये आदेश मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कारिखो क्रि नामक निर्दलीय विधायक की उम्मीदवारी को बहाल किया. साथ ही गौहाटी हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया, जिसमें कारिखो क्री नामक व्यक्ति की विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया था.

क्या है मामला?

साल, 2019 में कारिखो क्री नामक निर्दलीय उम्मीदवार की विधानसभा सदस्यता को चुनौती दी गई थी. वे तेजू विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. कांग्रेस उम्मीदवार नुने तायांग ने कारिखो पर आरोप लगाया कि उसने अपनी संपत्ति के ब्यौरे में पूरी जानकारी नहीं दी है.

मामले की सुनवाई हुई. गौहाटी हाईकोर्ट की ईटानगर बेंच ने पाया कि क्री ने संपत्ति की मालिकाना जानकारी छिपाई है. क्री के पत्नी के नाम पर ओमनी वैन एंबुलेस और स्कूटी, बेटे के नाम पर मोटरसाइकिल होने की बात छिपाई है. बेंच ने क्री सदस्यता को खारिज किया.

क्री ने गौहाटी हाईकोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. क्री ने कहा कि कुल खुलासा 7 करोड़ रूपये से अधिक का है. क्या इसमें टाई, पेन जैसी छोटी चीजों का खुलासा भी किया जाना आवश्यक है?

सुप्रीम कोर्ट ने कारिखो क्री की विधायकी की वैधता को बहाल किया है.