दिवाली में अपनों को गिफ्ट करें Property? जानें Transfer of Property Act के तहत ऐसा करने का तरीका
गिफ्ट डीड एक ऐसा दस्तावेज है जिसके जरिए कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी चल या अचल संपत्ति को गिफ्ट कर सकता है.
Written by Satyam Kumar|Published : October 30, 2024 5:25 PM IST
त्योहारों का मौसम है, जिस तरह से अपनों के बीच गिफ्ट का आदान प्रदान करते रहते हैं उसी तरह से प्रॉपर्टी भी अपने करीबी या किसी खास व्यक्ति को गिफ्ट की जा सकती है लेकिन इस तरह के गिफ्ट को देने के लिए एक कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है. आईए जानते हैं कैसे. अगर आप किसी को अपनी संपत्ति गिफ्ट करना चाहते हैं तो यह आप Gift Deed के तहत कर सकते हैं.
Gift Deed क्या है?
गिफ्ट डीड एक ऐसा दस्तावेज है जिसके जरिए कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी चल या अचल संपत्ति को गिफ्ट कर सकता है. यह संपत्ति के मालिक द्वारा बनाए गए वैध वसीयत से अलग होता है. इसके तहत गिफ्ट देने से गिफ्ट तुरंत प्रभावी हो जाता है, और इसे लागू कराने के लिए अदालत जाने की भी आवश्यकता नहीं होती है.
गिफ्ट डीड (गिफ्ट विलेख) के तहत, संपत्ति देने वाले व्यक्ति को डोनर और 'प्राप्त करने वाले को रिसीवर (Donee)' कहा जाता है. इसका इस्तेमाल अचल और चल दोनों तरह की संपत्ति को गिफ्ट करने के लिए किया जाता है.
वह संपत्ति जो एक जगह से दूसरी जगह लेकर नहीं जाया जा सकता है यानि जो जमीन या पृथ्वी से जुड़ी हो उसे अचल संपत्ति कहते हैं. हालांकि, इसमें घास, फसल और पेड़ शामिल नहीं है. इसके विपरीत अगर कोई संपत्ति को हम एक जगह से दूसरी जगह लेकर जा सकते हैं तो उसे चल संपत्ति कहते हैं.
TPA के तहत गिफ्ट डीड
संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम (Transfer of Property Act), 1882 के अंतर्गत गिफ्ट डीड की प्रकिया सम्पन्न होती है. इस अधिनियम की धारा 122 में कहा गया है कि गिफ्ट पैसे लिए बिना दिया होना चाहिए तभी उसे गिफ्ट डीड माना जाएगा. इसके अलावा, जब गिफ्ट लेने वाले को देने वाले व्यक्ति के जीवित रहने के दौरान ही गिफ्ट को स्वीकार करना होगा.
संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम के अनुसार, गिफ्ट डीड रजिस्ट्रार या उप-पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के बाद ही प्रभावी होता है. गिफ्ट डीड के रजिस्ट्रेशन के बाद प्रॉपर्टी का हस्तांतरण तुरंत हो जाता है.
गिफ्ट डीड तभी मान्य होता है जब-
गिफ्ट डीड में बताई गई प्रॉपर्टी गिफ्ट करते समय मौजूद होनी चाहिए.
गिफ्ट देने वाला व्यक्ति उस संपत्ति का वैध मालिक होना चाहिए.
गिफ्ट अपनी इच्छा और बिना किसी दबाव के दिया जाना चाहिए.
गिफ्ट के बदले पैसा या अन्य लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.
गिफ्ट में दी गई प्रॉपर्टी गिफ्ट के प्राप्तकर्ता द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए.
निम्नलिखित बातों का उल्लेख जरुरी
सबसे पहले दस्तावेज में इस बात का जिक्र होना चाहिए कि गिफ्ट अपनी मर्जी से दिया जा रहा है ना कि किसी के दबाव या भय में.
गिफ्ट देने वाले का और लेने वाले का पता, संबंध और नाम होना चाहिए.
गिफ्ट लगाव के कारण दिया जा रहा और उसके बदले में कुछ भी नहीं लिया गया है ना ही कोई पैसा और ना ही कुछ और, यह बताना होगा.
गिफ्ट डीड में संपत्ति का क्षेत्रफल, लंबाई-चौड़ाई और योजना की पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि बाद में कोई परेशानी न हो.
यह भी बताया जाना जरुरी है कि गिफ्ट को प्राप्त करने के बाद प्राप्तकर्ता अपनी इच्छा से प्रॉपर्टी को बेच सकता है, पट्टे पर दे सकता है या किराए पर ले सकता है या प्रॉपर्टी को गिरवी भी रख सकता है.
गिफ्ट विलेख में प्राप्तकर्ता द्वारा गिफ्ट में दी गई संपत्ति को स्वीकार करने का उल्लेख होना चाहिए.
इसमें गवाह भी अहम भूमिका अदा करते हैं. गिफ्ट डीड बनाने के लिए दो गवाहों का मौजूद होना जरुरी है. उसमें गवाहों के नाम और पते का उल्लेख होना चाहिए. गिफ्ट डीड पर गवाहों का हस्ताक्षर होना जरुरी है और सत्यापित होना चाहिए.
गिफ्ट डीड में स्वैच्छिक निरसन खंड (Voluntary Cancellation Clause) न हो, और डीड लागू होने के बाद मालिकाना हक प्राप्तकर्ता को हस्तांतरित हो जाए.
Gift Deed का रजिस्ट्रेशन
संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम 1882 के तहत, गिफ्ट डीड सिर्फ तभी कानूनी रूप से वैध हो सकता है, जब इसे स्टाम्प ड्यूटी (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन फी (Registration Fee) भुगतान करके नियमानुसार पंजीकृत किया गया हो.
रजिस्ट्रेशन में स्टाम्प पेपर पर आवश्यक खंड का उल्लेख और आवश्यक स्टांप शुल्क का भुगतान शामिल है. स्टांप शुल्क का मूल्य अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यदि गिफ्ट में दी गई प्रॉपर्टी चल (Movable) है, तो रजिस्ट्रार कार्यालय का अधिकार क्षेत्र गिफ्ट देने वाले व्यक्ति के निवास स्थान के अनुसार होगा.
आवश्यक दस्तावेज
गिफ्ट डीड का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार/सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में किया जाता है.
आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे आईडी प्रूफ
गिफ्ट करने वाले व्यक्ति और प्राप्तकर्ता का पैन कार्ड
गिफ्ट करने वाले व्यक्ति के स्वामित्व को साबित करने के लिए बिक्री विलेख या हक़ विलेख जैसे दस्तावेज़
पासपोर्ट साईज फोटो
गवाहों का आईडी प्रूफ
गवाहों का पता प्रमाण पत्र
कर छूट
आयकर अधिनियम के तहत, अगर संपत्ति निम्नलिखित में से किसी व्यक्ति से प्राप्त होती है, तो टैक्स नहीं लगेगा जैसे;
अगर गिफ्ट रिश्तेदारों ने दिया हो.
अगर गिफ्ट विवाह में मिला हो.
वसीयत के तहत या विरासत में प्राप्त हुआ हो.
गिफ्ट अगर देने वाले व्यक्ति की मृत्यु की वजह से प्राप्त होता है.
गिफ्ट स्थानीय प्राधिकरण (Local Authority) से प्राप्त हो, जैसा कि आयकर अधिनियम की धारा 10(20) के तहत परिभाषित है.
किसी विश्वविद्यालय, चैरिटेबल फाउंडेशन, शैक्षणिक संगठन, चिकित्सा संस्थान, अस्पताल या ट्रस्ट की और से मिला हो, जिसका उल्लेख आयकर अधिनियम की धारा 10(23C) के तहत किया गया है, या
अगर गिफ्ट किसी ट्रस्ट या संस्थान (धारा 12A या 12AA के तहत पंजीकृत) से प्राप्त हो आदि.
गिफ्ट डीड रद्द भी हो सकता है
गिफ्ट डीड को संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम 1882 की धारा 126 के तहत रद्द भी किया जा सकता है.