केस खत्म करने से पहले 'पीड़ित पक्ष' को सुनेगी अदालत, बीएनएसएस 2023 को जानें
बीएनएसएस की धारा 360 के अनुसार केस वापस लेने से पहले पीड़ित को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाएगा. पीड़ित की राय के बाद ही मुकदमे को हटाया जाएगा.
बीएनएसएस की धारा 360 के अनुसार केस वापस लेने से पहले पीड़ित को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाएगा. पीड़ित की राय के बाद ही मुकदमे को हटाया जाएगा.
पहले अक्सर सुनने को मिल जाता था कि पुलिस ने 'घटनास्थल' को दूसरे पुलिस स्टेशन की सीमा क्षेत्र बताकर शिकायत लिखने से मना कर देता था. जीरो एफआईआर के आने से अब ऐसा नहीं होगा.
भारत सरकार ने जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर के माध्यम से शिकायत कराने पर आगे कैसे कार्रवाई की जानी चाहिए या किस तरह से कार्रवाई आगे बढ़ेगी, इसे लेकर SOP जारी किया है
विरोध प्रदर्शन को आयोजित करनेवाली ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन ने तीनों अपराधिक कानून से आपत्ति जताई है. आयोजनकर्ता के अनुसार, इस कानून में पुलिस कोअत्यधिक शक्तियां दी गई हैं, लीगल प्रोसीजर को पहले की अपेक्षा अधिक कठोर बनाया है और संस्थाओं की शक्तियों को घटाने का प्रयास किया गया है.
1 जुलाई यानि आज से देश में तीन नए अपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं. कुछ लोगों के अनुसार, अंग्रेजी राज से छुटकारा पाना है, तो कुछ जगहों पर स्वदेशी कानून आने की खुशी है. आइये जानते हैं तीन अपराधिक कानून में किन-किन नियमों में बदलाव हुए है...
आइये हम आपको नए अपराधिक कानून के बारे में बताएं जिसमें न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के डिजिटल उपकरणों को बढ़ावा दिया गया है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने स्पीडी ट्रायल के संभव होने पर चिंता जाहिर की. सीजेआई ने बताया कि नये कानून के लागू होने के बाद भी अपराधिक मुकदमों का स्पीडी ट्रायल से निपटारा संभव नहीं है. स्पीडी ट्रायल के संभव होने के लिए अदालतों को उचित संसाधनों को मुहैया कराने की जरूरत होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को चुनौती देने वाली PIL को खारिज किया है. जानें अदालत ने क्या कहा..
सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को चुनौती देने वाली PIL को खारिज किया है. जानें अदालत ने क्या कहा..