2004 के बाल विवाह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया अमान्य, 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया!
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस विवाह को रद्द करने के लिए पति ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाल विवाह के मामले (23 वर्ष से कम) को तय समय-सीमा के भीतर दायर किया गया था, इसलिए इस मामले पर सुनवाई को इजाजत मिली.