उत्तर प्रदेश बार काउंसिल (UP Bar Council) ने गाजियाबाद कोर्ट परिसर में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज पर नाराजगी व्यक्त की है. घटना से विरोध जताने के लिए बार काउंसिल ने वकीलों को सोमवार (4 नवंबर, 2024) के दिन अदालती कार्यवाही से दूर रहने का निर्देश जारी किया है. ये विरोध प्रदर्शन 29 अक्टूबर के दिन हुई घटना के प्रतिक्रिया में है, जो गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश की अदालत (Gaziabad District Court) में जमानत से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान हुई थी. घटना के बाद से वकीलों में लगातार रोष बढ़ता ही जा रहा है. बता दें कि बार काउंसिल ने घटना की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी भी गठित की है, जो इस मामले की जांच करेगी.
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने शनिवार को कहा कि गाजियाबाद कचहरी में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में बार काउंसिल ने सोमवार को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है. बार काउंसिल ने जिला जज के स्थानांतरण की भी मांग की है. इसके बाद से उत्तर प्रदेश की अदालतों में कार्यरत सभी वकील सोमवार, 4 नवंबर को काम से खुद के दूर रखेंगे. यूपी बार काउंसिल ने उस दिन को विरोध दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है. हमने राज्य के सभी 75 जिलों में काम स्थगित करने का अनुरोध किया है. बार काउंसिल ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति भी गठित की है, जो मामले की जांच करने सोमवार को गाजियाबाद अदालत पहुंचने की उम्मीद है.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने गाजियाबाद की एक अदालत में वकीलों पर पुलिस द्वारा किये गए लाठीचार्ज की घटना को अमानवीय एवं हिंसक कृत्य करार दिया था. एससीबीए ने एक प्रस्ताव में उस न्यायाधीश के खिलाफ जांच की मांग की, जिन्होंने असहमति को लेकर उनके खिलाफ नारे लगा रहे वकीलों के एक समूह को हटाने के लिए पुलिस बल को बुलाया था. जारी प्रस्तावना में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि वे वकीलों की प्रतिष्ठा पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं करेगा.
(खबर IANS इनपुट के आधार पर लिखी गई है)