केरल हाईकोर्ट के वकीलों ने आज एक जस्टिस ए बदरूद्दीन के कोर्टरूम का बहिष्कार किया है. उन्होंने विरोध करते हुए जस्टिस से अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा है. विवाद तब शुरू हुआ जब विधवा महिला वकील, जस्टिस ए बदरूद्दीन की कोर्टरूम में आई. उन्होंने अपने मुकदमे की तारीख बढ़ाने की बात कही. उसके पति, अधिवक्ता एलेक्स स्कारिया, ने पहले वकालत पत्र दाखिल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा करने से पहले ही उनका निधन हो गया. इस मांग से जस्टिस नाराज हो गए.
6 मार्च को जब दिवंगत वकील की पत्नी, जो खुद भी एक वकील है, ने अदालत से समय की मांग की, इस पर जस्टिस ने अनौपचारिकता से प्रतिक्रिया दी. उन्होंने वकील से पूछा, "एलेक्स स्करिया कौन हैं?" जज साहब का दिवंगत वकील के लिए इस तरह से टिप्पणी करना वकीलों को अच्छा नहीं लगा. उन्होंने जस्टिस से इस व्यवहार के लिए माफी मांगने की बात कही है. इस घटना के बाद, केरल हाई कोर्ट वकील संघ (KHCAA) ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वकील, जस्टिस के कोर्टरूम में एकत्रित होंगे और माफी की मांग करेंगे.
केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नितिन जामदार ने आज वकीलों की शिकायतों को सुना और उन्होंने वादा किया कि वे सप्ताहांत में न्यायाधीश बादरुद्दीन से बात करेंगे. उनका प्रयास होगा कि एक उचित समाधान निकाला जा सके.
बताते चलें कि जस्टिस ए बदरूद्दीन कई मौकों पर अदालत की कार्यवाही में देरी लेकर या सुनवाई को टालने को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. जस्टिस ए बदरूद्दीन ज्यादातर मौकों पर वकीलों से बेवजह मुकदमे की तारीख बढ़वाने की मांग ठुकराया है. जस्टिस हमेशा से इस बात जोड़ देते आएं है कि मुकदमे को आगे बढ़ाने से मुवक्किल की परेशानी बढ़ती है और मुकदमे का निपटारा होने में देरी होती है. हालांकि, इस बार भी, खबरों की मानें तो जस्टिस की ओर महिला से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने की बात सामने आई लेकिन वकील सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की बात कह रहे हैं.
वहीं, यह पहली बार नहीं है जब वकीलों ने न्यायाधीश बादरुद्दीन के व्यवहार पर आपत्ति जताई है. पिछले वर्ष फरवरी में, KHCAA और केरल बार काउंसिल ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था, जिसमें जस्टिस के व्यवहार को अपमानजनक और संवेदनहीन बताया गया था. पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि कई अन्य वकीलों ने न्यायाधीश बादरुद्दीन के खिलाफ शिकायतें की हैं.