कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को अधिकारियों को वक्फ भूमि मुद्दों के संबंध में किसानों को भेजे गये सभी नोटिस तत्काल वापस लेने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने वक्फ भूमि के बारे में किसानों को भेजे गये सभी नोटिस तत्काल वापस लेने का सख्त निर्देश जारी किया है. इसके अलावा, सीएम सिद्धरमैया ने कुछ अधिकारियों के हाल के कृत्य पर असंतोष जताया और इस बात पर चिंता व्यक्त की कि जनता दल सेक्युलर (जदएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कथित तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए वक्फ मुद्दे का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे राज्य में शांति भंग होने की आशंका है. सीएम सिद्धरमैया ने लोगों से दुष्प्रचार की अनदेखी करने की अपील की और अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ इस मामले को संभालने का निर्देश दिया है.
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने राजस्व विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के साथ हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद ये फैसला लिया है. बयान में इस बात पर भी जोर दिया गया कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े भूमि अभिलेखों के बारे में किसानों को जारी किए गए सभी नोटिस तुरंत वापस लिए जाएं. अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे किसानों को परेशान न करें या उनके कब्जे वाले भूखंडों के संबंध में कोई भी समस्या न पैदा करें.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिना किसी पूर्व सूचना या कानूनी प्रक्रिया के भूमि अभिलेखों (पहानी या आरटीसी) में किए गए किसी भी अनधिकृत बदलाव को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए.
इससे पहले र्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा था कि सभी जिला उपायुक्तों को वक्फ कानून के तहत किसानों को नोटिस नहीं देने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि भूराजस्व रिकॉर्ड को अंतिम माना जाएगा और प्रशासनिक कार्रवाई उनके अनुरूप होगी. परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को ऐसे किसी नोटिस या पत्र को वापस लेने का निर्देश दिया है। अब यह मामला सुलझ गया है, लेकिन हम भविष्य के संभावित घटनाक्रम को लेकर आश्वस्त नहीं हैं.
(खबर PTI इनपुट के आधार पर लिखी गई है)