समरी ट्रायल और समन ट्रायल में अंतर
दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के अध्याय XXI के तहत मजिस्ट्रेट द्वारा समरी ट्रायल के रूप में विचारणीय मामले, "समन्स केस" का हल्का रूप है. इसलिए जिला अदालतों में आने वाले मामलों को समन्स केस (2 साल तक की कैद) और वारंट केस (2 साल से अधिक कैद) में वर्गीकृत किया जाता है.