हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को UP Court ने सुनाई दो साल जेल की सजा, विधायकी भी गई
हेट स्पीच के मामले में दोषी पाए जाने के बाद, सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी समाप्त कर दी गई है.
हेट स्पीच के मामले में दोषी पाए जाने के बाद, सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी समाप्त कर दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दस दिनों के भीतर जांच पूरी करने का पुलिस को निर्देश देने वाला अपना पिछला आदेश वापस ले लिया है.
सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर आया है जिसमें आरोप लगाया है कि उनकी प्लॉट से जुड़े विवाद को लेकर दायर अर्जी हाई कोर्ट में लंबे वक़्त से पेंडिंग है, उस पर सुनवाई नहीं हो पा रही है.
मऊ सदर के विधायक अब्बास अंसारी को गैंगस्टर अधिनियम के तहत जमानत देने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस की प्रारंभिक जांच अभी जारी है, ऐसे में आरोपी को राहत देने का कोई आधार नहीं बनता है.
अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से दो मामले में जमानत मिली है. पहला मामला चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान पत्नी से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात का और दूसरा मनी लांड्रिंग के आरोप से जुड़ा है. जमानत मिलने के बाद भी अब्बास अंसारी को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा.
एसबीएसपी विधायक अब्बास अंसारी ने यूपी पुलिस द्वारा लगाए गए गैंगस्टर एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. साथ ही वह जेल में पत्नी से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात मामले में भी जमानत की मांग की है. अब्बास अंसारी की दोनों मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी के चालीसवें में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की इजाजत दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को साल 2022 के आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत दी है.
मऊ के विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी को सबूतों को प्रभावित करने में सक्षम एवं फैमिली बैकग्राउंड को देखते हुए राहत देने से मना किया.
मंगलवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने विधायकअब्बास अंसारी अपने दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी के 'फातिहा' समारोह में शामिल होने की इजाजत दी है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद अब्बास अंसारी को आज शाम 5 बजे तक पुलिस सुरक्षा में गाजीपुर ले जाया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से जबाव मांगा है. इससे पहले मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था.
हेट स्पीच के मामले में दोषी पाए जाने के बाद, सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी समाप्त कर दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दस दिनों के भीतर जांच पूरी करने का पुलिस को निर्देश देने वाला अपना पिछला आदेश वापस ले लिया है.
सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर आया है जिसमें आरोप लगाया है कि उनकी प्लॉट से जुड़े विवाद को लेकर दायर अर्जी हाई कोर्ट में लंबे वक़्त से पेंडिंग है, उस पर सुनवाई नहीं हो पा रही है.
मऊ सदर के विधायक अब्बास अंसारी को गैंगस्टर अधिनियम के तहत जमानत देने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस की प्रारंभिक जांच अभी जारी है, ऐसे में आरोपी को राहत देने का कोई आधार नहीं बनता है.
अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से दो मामले में जमानत मिली है. पहला मामला चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान पत्नी से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात का और दूसरा मनी लांड्रिंग के आरोप से जुड़ा है. जमानत मिलने के बाद भी अब्बास अंसारी को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा.
एसबीएसपी विधायक अब्बास अंसारी ने यूपी पुलिस द्वारा लगाए गए गैंगस्टर एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. साथ ही वह जेल में पत्नी से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात मामले में भी जमानत की मांग की है. अब्बास अंसारी की दोनों मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी के चालीसवें में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की इजाजत दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को साल 2022 के आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत दी है.
मऊ के विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी को सबूतों को प्रभावित करने में सक्षम एवं फैमिली बैकग्राउंड को देखते हुए राहत देने से मना किया.
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से जबाव मांगा है. इससे पहले मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था.