Umar Ansari Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को अग्रिम जमानत दी है. उमर अंसारी को अग्रिम जमानत साल, 2022 के आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मिली है. उमर अंसारी पर आरोप लगा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान मऊ जिला प्रशासन को धमकी दी और 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान लागू आचार आदर्श संहिता का उल्लंघन (Model Code of Conduct) किया था.
सुप्रीम कोर्ट में उमर अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमर अंसारी को अग्रिम जमानत देने से इंकार किया था.
जस्टिस हृषिकेश रॉय और प्रशांत कुमार मिश्रा की डिवीजन बेंच ने उमर अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. यूपी राज्य की ओर से पेश हुए काउंसिल ने जमानत याचिका का विरोध किया. हालांकि, बेंच ने उमर अंसारी को अग्रिम जमानत दे दी.
उमर अंसारी को अग्रिम जमानत 20,000 रूपये के मुचलके (बॉन्ड) पर मिली है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और ट्रायल में सहयोग करने के निर्देश भी दिए हैं.
उमर अंसारी को अग्रिम जमानत देने के बाद सुप्रीम कोर्ट अब मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने को राजी हो गया है. सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल मुख्तार अंसारी के दोनों बेटे, अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के वकील है. उन्होंने अदालत से गुजारिश की बड़े बेटे अब्बास अंसारी को भी पिता मुख्तार अंसारी की प्रार्थना सभा में शामिल होने की इजाजत दी जाए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को तीन दिनों की राहत देते हुए फातिहा में शामिल होने की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलने के बाद अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से गाजीपुर जेल ले जाया गया था. वहीं से वो अपने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने गए थे. परिवार से भी मिलने की इजाजत दी थी. तीन दिनों के बाद अब्बास अंसारी को वापस से कासगंज जेल वापस ले गया है.