क्या पति पत्नी की आपसी मारपीट अपराध है? जानें ऐसे में कौन सी धारा लगती है?
ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें एक जोड़ा शादी के बाद आपस में सामंजस्य नहीं बैठा पाता है और उनमें झगड़े भी होने लगते हैं और यह कई बार मारपीट तक पहुंच जाता हैं।
ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें एक जोड़ा शादी के बाद आपस में सामंजस्य नहीं बैठा पाता है और उनमें झगड़े भी होने लगते हैं और यह कई बार मारपीट तक पहुंच जाता हैं।
आज के वक्त में इंटरनेट हर जगह मौजूद है, लेकिन इंटरनेट साक्षरता दर बेहद कम है। कम लोंगों को मालूम है कि आखिर मोबाइल पर क्या सर्च क्या करना है और क्या नहीं ?
पासपोर्ट ही वो आधिकारिक दस्तावेज है जिसका इस्तेमाल फॉरेन ट्रैवल के लिए होता है; इसे साथ लेकर जाना अनिवार्य है।पासपोर्ट बनवाने की कोई उम्र नहीं होती है और इसकी आवेदन प्रक्रिया भी काफी सिम्पल है। यदि आपके पास एक पासपोर्ट है तो डयन रहे कि उसकी वैधता पूरे जीवन की नहीं होती है।
आज लगभग सभी व्यवसायिक संस्थानों के पास एक डोमेन नाम पंजीकृत है और इसका उपयोग अपने ग्राहकों के बीच प्रचार करने के लिए करते हैं।
कुछ महीने पहले ही एयर इंडिया की न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में कुछ ऐसा हुआ जिसके कारण सफर कर रहे दूसरे यात्रियों को परेशान होना पड़ा.
अपराध कोई भी हो वह समाज पर गलत प्रभाव ही डालता है. परन्तु कुछ अपराधों की केवल कल्पना, हमें भयभीत कर देती है. वैसा ही एक अपराध है Acid Attack. आइए जानते हैं क्या है IPC के तहत एसिड हमलों के खिलाफ दंड के प्रावधान.
इसके अलावा इस अधिनियम के तहत 14 साल से ऊपर के बच्चों के लिए कुछ निर्धारित शर्तों के आधार पर कुछ खास नौकरियों में प्रावधान किया जा सकता है.
कई मामलों में उनके ऊपर खतरा होता है इसलिए उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गवाह कैसे लेना है इसकी भी एक कानूनी प्रक्रिया है. जिसके बारे में सीआरपीसी की धारा 161 में बताया गया है.
फैसला सुनाए जाने के साथ राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने जमानत याचिका दायर की और इतना ही नहीं याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने राहुल गांधी को जमानत दे दी.....
यह अदालतें ही है जिनके पास कानून को लागू करने की शक्तियां हैं और इसलिए न केवल अदालत के आदेश बल्कि खुद अदालत का भी सम्मान किया जाना चाहिए.
लेकिन कानून में इसके लिए क्या सजा हैइसकी जानकारी शायद ही ज्यादातर महिलाओं को हों। आइए इस वीडियो में बताते हैं पीछा करने से जुड़े कानून और सजा के प्रावधान के बारे में।
IPC की धारा 177 और धारा 182 के अंतर्गत अगर कोई किसी पब्लिक सर्वेंट को जानबूझ कर झूठी सूचना देगा, तो वह अपराधी माना जाएगा. साथ ही इन धाराओं के अंतर्गत सजा का भी प्रावधान किया गया है.
जहां कानून दिन पर दिन सख्ती बरत रहा है, तो वहीं हर दिन नए-नए अपराधी सामने आ रहे हैं. अपराध और अपराधी की प्रवृत्ति को ही देखते हुए कानून ने अपराधियों को कई प्रकार की श्रेणी में विभाजित किया है.
इस्लाम में, विवाह एक अनुबंध (contract) होता है और कई इस्लामिक दार्शनिकों के अनुसार, इस्लाम में विवाह एक धार्मिक कर्तव्य है.