क्या हत्या के दोषी को ग्रेजुएशन करने की इजाजत दी जा सकती है? Kerala HC ने सुनाया बड़ा फैसला
Murder Case: एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने और LL.B. की पढ़ाई करने के लिए बाबू ने Bail की मांग करते हुए HC का दरवाजा खटखटाया था.
Murder Case: एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने और LL.B. की पढ़ाई करने के लिए बाबू ने Bail की मांग करते हुए HC का दरवाजा खटखटाया था.
कोर्ट ने पाया कि आरोपी ने पैसों के लिए पीड़ित का अपहरण किया था. पहचान उजागर होने की डर से उसे को जान से मार दिया गया था.
परिस्थितिजन्य साक्ष्य को अप्रत्यक्ष साक्ष्य के रूप में भी जाना जाता है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के पीछे हमेशा एक मिथक होता है कि यह किसी को उसके कार्य के लिए दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त रूप से स्पष्ट है क्योंकि साक्ष्य प्रत्यक्ष साक्ष्य के बजाय परिस्थितियों पर आधारित होता है।
एक मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आया जिसमें एक महिला ने अपने पति को छड़ी से इतना मारा कि उसकी हत्या हो गई। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यह कहा कि घर में छड़ी को एक घातक हथियार नहीं माना जा सकता है; साथ ही, उनके हिसाब से मामला हत्या नहीं गैर-इरादतन हत्या का है...
किसी भी मामले में जब कोई ठोस सबूत या गवाह का मिलना मुश्किल हो जाता है तब न्यायालय परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर निर्भर होती है और उसी के आधार पर कोर्ट अपना फैसला सुनाता है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य' में सभी प्रासंगिक तथ्य (Relevant Facts) शामिल होते हैं।
इस मामले में महिला ने अपने पति को छड़ी से इतना मारा कि उसकी हत्या हो गई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि घर में छड़ी को एक घातक हथियार नहीं माना जा सकता है, साथ ही, यह भी कहा कि उनके हिसाब से मामला हत्या नहीं गैर-इरादतन हत्या का है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार पीड़ित के पिता विकास वाकर ने आगे गवाही दी कि हत्या के बाद पूनावाला ने पीड़िता के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और अधिकारियों और जनता को पता न चले, इसलिए शरीर के हिस्सों को दिल्ली भर में विभिन्न उजाड़ जगहों पर फेंक दिया।
पेशे से स्कूल शिक्षक संदीप को पुलिस इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर गई थी लेकिन उसने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया और फिर डॉक्टर की कैंची से हमला कर हत्या कर दी थी।
पुलिस उपायुक्त (नगर) दीपक भूकर ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अभियुक्त विजय मिश्रा को धूमनगंज थाना की पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया।
पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के भाई विवेकानंद रेड्डी के मर्डर केस में उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई से चार्जशीट दाखिल करने को कहा है और आरोपी, वाई एस अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
2021 में झारखंड के जस्टिस उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मर्डर केस में अब झारखंड उच्च न्यायालय में एक नया अपडेट सामने आया है. अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है...
अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात को पुलिस हिरासत में मीडिया के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
हालांकि अदालत ने कन्हैयालाल की हत्या के बाद की तस्वीरों के साथ उसकी दुकान की रंगीन तस्वीरें माँगने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
अगस्त 2003 की रात को याची के पिता व उसके अन्य परिजन छत पर सो रहे थे, इस दौरान हत्या को अंजाम दिया गया
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मर्डर के एक मामले में आठ आरोपियों को अलग-अलग सजा सुनाई और उनके इस ऑर्डर ने सुप्रीम कोर्ट को दंग कर दिया। इस अजीब ऑर्डर पर उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा है, जानिए
राज्य सरकार द्वारा 16 अप्रैल, 2023 को 2 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया
हत्या के इरादे से दोषियों ने दोनो भाईयों को दफ्तर बुला खेला मौत का खेल
बच्ची को बिस्किट खिलाने का लालच देकर दोषी अपने साथ ले गया फिर...
2021 में झारखंड के जस्टिस उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मर्डर केस में अब झारखंड उच्च न्यायालय में एक नया अपडेट सामने आया है. अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है...
अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात को पुलिस हिरासत में मीडिया के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
हालांकि अदालत ने कन्हैयालाल की हत्या के बाद की तस्वीरों के साथ उसकी दुकान की रंगीन तस्वीरें माँगने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मर्डर के एक मामले में आठ आरोपियों को अलग-अलग सजा सुनाई और उनके इस ऑर्डर ने सुप्रीम कोर्ट को दंग कर दिया। इस अजीब ऑर्डर पर उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा है, जानिए
राज्य सरकार द्वारा 16 अप्रैल, 2023 को 2 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया
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बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में चार साल बाद फैसला सुनाया गया है। सजा के बिन्दु पर सुनवाई अगले महीने होगी लेकिन फिलहाल अदालत ने दस आरोपियों को सजा सुनाई है और दो को बरी कर दिया है
अतीक अहमद और अशरफ अहमद की बहन ने उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार को ठहराया अपने भाइयों की मौत का जिम्मेदार; सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका और अदालत के सामने रखीं ये मांगें
आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच मौके पर झगड़ा हुआ था. उस झगड़े के दौरान, आरोपी ने शिकायतकर्ता का अंडकोष दबोचने का चयन किया.
ACJM विपिन यादव की कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 आरोपी कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि एंबुलेंस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई को तय की है.
गैंगस्टर जीवा की 26 वर्षीय विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जो वकील के भेष में अदालत में दाखिल हुआ था.
हमारे समाज में मानव शरीर के प्रति होते गंम्भीर अपराधों में मुख्यत: गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide) और हत्या (Murder) है.
इस मामले में संलिप्त एक अन्य आरोपी की उम्र उस वक्त 17 वर्ष थी और उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाया गया था.
उच्चतम न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने मामले को तीन जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
अदालत में पेश किये गए आरोपियों के नाम हैं येर्रा गंगी रेड्डी, सुनील यादव, उमाशंकर रेड्डी, देवीरेड्डी शिवशंकर रेड्डी, वाईएस भास्कर रेड्डी और उदय कुमार रेड्डी, जो वर्तमान में हैदराबाद की चंचलगुडा सेंट्रल जेल में बंद हैं.
पुलिस रिकॉर्ड की मानें तो राजू झा लम्बे समय से अवैध कोयला कारोबार में शामिल हो चुके थे. इसमें कहा गया है कि साल 2004 से 2011 तक झा ने अवैध कारोबार से पैसा कमाया और उसे होटल और बस सेवा व्यवसायों में उस पैसे को लगाया.
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिका स्थानीय वकील एम एल यादव ने दायर की थी।