क्या डाबर का केवल फल से जूस बनाने का दावा सही है? जानें दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची FSSAI ने क्या बताया
FSSAI ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाव किया कि डाबर द्वारा अपने जूस को '100 प्रतिशत' फल से बना होने का दावा करना, उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला है.
FSSAI ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाव किया कि डाबर द्वारा अपने जूस को '100 प्रतिशत' फल से बना होने का दावा करना, उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला है.
मद्रास हाई कोर्ट ने शादि डॉट कॉम के हालिया विज्ञापन को भ्रामक और धोखाधड़ी वाला पाया, जिसमें 30 दिनों में दुल्हन/दूल्हा नहीं मिलने पर पैसे वापस करने की गारंटी दी गई थी. अदालत ने कहा कि विज्ञापन की वास्तविक शर्तें 'फाइन प्रिंट' में छिपी हुई हैं, जो वादे के विपरीत हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने IMA प्रेसिडेंट को विज्ञापन अपने पैसे से छपवाने को कहा है. साथ ही विज्ञापन को उन समाचार पत्रों-मीडिया हाउसेज में देने को कहा है जहां IMA प्रेसिडेंट का इंटरव्यू चलाया गया था.
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह अपने फैसले से काफी चर्चा में से है. अभी वे जस्टिस हिमा कोहली के साथ पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन के मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. आइये जानते हैं जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह के अब तक की करियर के बारे में...
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
पतंजलि को फटकार लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की भी जमकर क्लास लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने IMA को कहा, अगर एक उंगली आप दूसरों की ओर उठाते हैं, तों चार उंगलियां आपकी अपनी तरफ भी उठती है.
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से पूछा कि जब पतंजलि के दावे वाले एड चल रहे थे, तो आपने रोक क्यों नहीं लगाई? सत्ता में रहने का अर्थ अपनी शक्तियों को मनमाने तौर से प्रयोग करना नहीं होता है. शीर्ष न्यायालय ने मामले में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश को पार्टी बनाने के निर्देश देता है.
FSSAI ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाव किया कि डाबर द्वारा अपने जूस को '100 प्रतिशत' फल से बना होने का दावा करना, उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला है.
मद्रास हाई कोर्ट ने शादि डॉट कॉम के हालिया विज्ञापन को भ्रामक और धोखाधड़ी वाला पाया, जिसमें 30 दिनों में दुल्हन/दूल्हा नहीं मिलने पर पैसे वापस करने की गारंटी दी गई थी. अदालत ने कहा कि विज्ञापन की वास्तविक शर्तें 'फाइन प्रिंट' में छिपी हुई हैं, जो वादे के विपरीत हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने IMA प्रेसिडेंट को विज्ञापन अपने पैसे से छपवाने को कहा है. साथ ही विज्ञापन को उन समाचार पत्रों-मीडिया हाउसेज में देने को कहा है जहां IMA प्रेसिडेंट का इंटरव्यू चलाया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
पतंजलि को फटकार लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की भी जमकर क्लास लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने IMA को कहा, अगर एक उंगली आप दूसरों की ओर उठाते हैं, तों चार उंगलियां आपकी अपनी तरफ भी उठती है.
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से पूछा कि जब पतंजलि के दावे वाले एड चल रहे थे, तो आपने रोक क्यों नहीं लगाई? सत्ता में रहने का अर्थ अपनी शक्तियों को मनमाने तौर से प्रयोग करना नहीं होता है. शीर्ष न्यायालय ने मामले में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश को पार्टी बनाने के निर्देश देता है.