जानिए जज कावेरी बावेजा के बारे में, जिन्होंने दिल्ली के सीएम को भेजा जेल
जज कावेरी बावेजा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. आइये जानते है जज कावेरी बावेजा के बारे में...
जज कावेरी बावेजा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. आइये जानते है जज कावेरी बावेजा के बारे में...
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद और पहले PMLA की धारा 45 का जिक्र किया है. PMLA की इस धारा के तहत आम आदमी पार्टी के नेता पहले से ही जेल में बंद हैं. PMLA की धारा 45 में जमानत मिलना मुश्किल होता है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी और ईडी रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया. उच्च न्यायालय ने ईडी को गिरफ्तारी को चुनौती देने के विरोध में जबाव देने के लिए 02 अप्रैल तक का समय दिया है. मामले की सुनवाई 03 अप्रैल को होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट बुधवार (27 मार्च, 2024) के दिन दिल्ली के सीएम की याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका में अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है.
शराब नीति घोटाले में संलिप्तता को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीआरएस की नेता के कविता को 9 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. के कविता पर आप नेताओं की जगह पैसे लेने और साउथ ग्रुप लॉबी की सदस्य होने का आरोप है.
ईडी के नौ समन की अनदेखी और दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से इंकार करने के बाद अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार हुए हैं. अरविंद केजरीवाल पर शराब नीति घोटाले में पैसे की हेराफेरी का आरोप है. शराब नीति में सरकारी ठेकें बंद करके निजी कंपनियों को लाइसेंस देने से जुड़ा है,शराब से मिलने वाला राजस्व 300 से 3 पैसे करीब आ गया है. आइये जानते हैं पूरे मामले को..
साल 2021 में शराब नीति लाकर सभी ठेकों को प्राइवेट करने और सरकारी राजस्व को घाटे पहुंचाने के साथ-साथ नीति बनाने के दौरान आरोपियों से संपर्क में रहने के साथ-साथ ईडी के नौ समन की अनदेखी करने पर भी अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है.
14 मार्च के दिन अरविंद केजरीवाल ने सेशन कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और समन को रद्द करने की मांग की है. उन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि ऐसा केवल पब्लिसिटी के लिए किया जा रहा है.
मनीष सीसोदिया पिछले काफी समय से दिल्ली आबकारी नीति मामले में जेल की सलाखों के पीछे हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय में उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। बता दें कि आप नेता ने उच्चतम न्यायालय में जो जमानत याचिका दायर की है, उसमें सुनवाई की तारीख आगे बढ़ गई है...
अप्रैल में स्पेशल जज एमके नागपाल ने आप नेता को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि सबूत, प्रथम दृष्टया, अपराध में उनकी संलिप्तता को दिखाते हैं
17 नवंबर 2021 को, दिल्ली सरकार ने यह नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे वापस भी ले लिया गया
न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू की इस दलील पर गौर किया कि राघव की नानी की देखभाल करने के लिए अन्य लोग हैं.
मनीष सिसोदिया की दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के रद्द होने के अगले दिन सीबीआई को एक सरकारी गवाह को लेकर अदालत से फटकार सुननी पड़ी है।
सिसोदिया को 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.
सिसोदिया को घोटाले में कथित भूमिका के लिए सबसे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं.
दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए मनीष सिसोदिया। अदालत ने सीबीआई को दिया आदेश
आम आदमी पार्टी के मनीष सीसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार. जानिये कोर्ट ने क्या कहा.
हमारे देश में शराब को लेकर हर राज्य का अपना -अपना कानून है. किसी राज्य में शराबबंदी है तो कहीं पर शराब के सेवन पर प्रतिबंध नहीं है.
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 में यह नीति रद्द कर दी थी.
पेश किए गए दस्तावेजों में किसी भी महत्वपूर्ण या गंभीर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को उजागर नहीं किया गया था, जिससे अदालत इस नतीजे पर पहुँची कि मगुंता की अनुपस्थिति में परिवार के अन्य सदस्य संभावित रूप से उनकी पत्नी की देखभाल कर सकते हैं.
Delhi High Court ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि वह जेल मैन्युल के अनुसार सिसोदिया को वैकल्पिक दिनों में दोपहर बाद तीन से चार बजे के बीच Video Conferencing के जरिए बिमार पत्नी से बात कराई जाए.
सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में अंतरिम जमानत की मांग करते हुए 3 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
राउज एवेन्यू CBI Court के विशेष जज एमके नागपाल कहा कि दोनों अभियुक्तों में से किसी के भी भारत छोड़कर भागने का जोखिम नही है और ना ही सबूतों को नष्ट करने/छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोई उचित संभावना है.
नायर की जमानत अर्जी पहले 19 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन अब हाई कोर्ट ने उक्त तारीख से पहले नौ मई को इस पर सुनवाई करने का फैसला किया है.
Delhi High Court ने मनीष सिसोदिया की ओर से दायर याचिका पर CBI को पक्ष रखने के लिए 26 अप्रैल तारीख तय की है. हाईकोर्ट ने कहा कि ASG से कहा कि वह बताएं कि एक्साइज पॉलिसी कैसे चलती है. कोर्ट ने कहा कि CBI अपने जांच अधिकारी को भी इस बारे में सफाई देने के लिए बुला सकती है.
Manish Sisodia ने Bail दायर करते हुए अदालत से अनुरोध किया है कि जांच के लिए अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है, इसलिए उन्हे अब जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
मनीष सिसोदिया फिलहाल 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में है. पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद 3 अप्रैल को राउज एवेन्यु कोर्ट में ने 17 तक जेल भेज दिया था.
सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, इस मामले में सिसोदिया की ओर से दायर जमानत आवेदन को ट्रायल कोर्ट ने 31 मार्च को जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया.
सात दिन की रिमांड अवधि पूरी समाप्त होने के बाद ED ने मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में पेश किया. अदालत ने ईडी हिरासत अवधि 5 दिन और बढाते हुए 22 मार्च तक रिमांड पर भेजा है.
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े money laundering मामले में, अब तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आप नेता मनीष सिसोदिया समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में के. कविता को समन के लिए ED के कार्यालय में बुलाया गया था, जिसके खिलाफ कविता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी और कोर्ट के ऊपर बहुत दबाव है.
सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई से एक दिन पूर्व ईडी की गिरफतारी के चलते अब सिसोदिया को सीबीआई कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद राहत मिलने में मुश्किल आ सकती है.
सीबीआई विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने जमानत देते हुए कहा कि बुचिबाबू की कथित संलिप्तता एक सीए के रूप में पेशेवर सलाह देने तक सीमित थी और यह अभियोजन पक्ष का मामला नहीं था.
CBI ने साल 2021-22 की आबकारी नीति बनाने एवं उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिये अपील की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया.