बिना सैलरी के जज काम कैसे कर पाएंगे? CJI ने बिहार सरकार लगाई फटकार
मामला पटना हाईकोर्ट के जस्टिस रूद्र प्रकाश मिश्रा से जुड़ा है, जिन्हें जेपीएफ अकाउंट नहीं होने की वजह से पिछले कई महीनों से सैलरी नहीं मिल पा रही है.
मामला पटना हाईकोर्ट के जस्टिस रूद्र प्रकाश मिश्रा से जुड़ा है, जिन्हें जेपीएफ अकाउंट नहीं होने की वजह से पिछले कई महीनों से सैलरी नहीं मिल पा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पटना हाईकोर्ट के जज को वेतन नहीं मिलने से नाराजगी जाहिर की. सीजेआई ने कहा कि किसी भी जज से वेतन के बिना काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव की याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले को बिहार सरकार की याचिका के साथ संलग्न करने को कहा है. तेजस्वी यादव ने अपनी याचिका में वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए 65% आरक्षण की मांग की है
सोमवार यानि की आज सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार की 65% आरक्षण पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दे दी है. सर्वोच्च न्यायालय ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगान से इंकार किया है.
संविदा शिक्षकों द्वारा योग्यता परीक्षा की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वे शिक्षण कौशल बढ़ाने के लिए योग्यता परीक्षा नहीं दे सकते हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
पटना उच्च न्यायालय ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करने वाले बिहार सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है. आइये जानते हैं अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा....
पिछले विधानसभा चुनाव में सुल्तानगंज विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके ललन कुमार ने अपनी जनहित याचिका में पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की गुहार लगाई।
Supreme Court ने बिहार सरकार को 2 सप्ताह में याचिका का जवाब पेश करने के साथ ही आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े रिकॉर्ड को पेश करने को कहा है.
डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी पाये गए आनंद मोहन सिंह को 27 अप्रैल को बिहार की सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया था
दिवंगत डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि बिहार सरकार के इस फ़ैसले से समाज में ग़लत सन्देश जाएगा और अपराधियों को प्रोत्साहन मिलेगा.याचिका में बिहार सरकार के आदेश और संशोधन को रद्द करते हुए आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की गयी है.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है जहां पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है.
बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन को गुरुवार सुबह जेल से रिहा कर दिया गया. किन नियमों के तहत हुई रिहाई, जाने पूरा मामला.
बिहार सरकार के जेल मैन्यूअल के अनुसार अगर किसी सरकारी लोकसेवक की ड्यूटी के दौरान हत्या की जाती है तो हत्या करने वाले दोषी को आजीवन उम्रकैद के लिए जेल में रहना होता था.
मामला पटना हाईकोर्ट के जस्टिस रूद्र प्रकाश मिश्रा से जुड़ा है, जिन्हें जेपीएफ अकाउंट नहीं होने की वजह से पिछले कई महीनों से सैलरी नहीं मिल पा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव की याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले को बिहार सरकार की याचिका के साथ संलग्न करने को कहा है. तेजस्वी यादव ने अपनी याचिका में वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए 65% आरक्षण की मांग की है
सोमवार यानि की आज सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार की 65% आरक्षण पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दे दी है. सर्वोच्च न्यायालय ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगान से इंकार किया है.
संविदा शिक्षकों द्वारा योग्यता परीक्षा की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वे शिक्षण कौशल बढ़ाने के लिए योग्यता परीक्षा नहीं दे सकते हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
पटना उच्च न्यायालय ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करने वाले बिहार सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है. आइये जानते हैं अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा....
पिछले विधानसभा चुनाव में सुल्तानगंज विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके ललन कुमार ने अपनी जनहित याचिका में पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की गुहार लगाई।
Supreme Court ने बिहार सरकार को 2 सप्ताह में याचिका का जवाब पेश करने के साथ ही आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े रिकॉर्ड को पेश करने को कहा है.
दिवंगत डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि बिहार सरकार के इस फ़ैसले से समाज में ग़लत सन्देश जाएगा और अपराधियों को प्रोत्साहन मिलेगा.याचिका में बिहार सरकार के आदेश और संशोधन को रद्द करते हुए आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की गयी है.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है जहां पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है.
बिहार सरकार के जेल मैन्यूअल के अनुसार अगर किसी सरकारी लोकसेवक की ड्यूटी के दौरान हत्या की जाती है तो हत्या करने वाले दोषी को आजीवन उम्रकैद के लिए जेल में रहना होता था.